बिहार: गंगा नदी पर बन रहा कच्ची दरगाह-बिदुपुर केबल पुल इस वर्ष यानी 2025 के अंत तक चालू हो जाएगा। इसके बनाने से बिहार के कई जिलों के बीच यात्रा करने की दूरी कम हो जाएगी। कच्ची दरगाह-बिदुपुर केबल पुल बिहार की राजधानी पटना, वैशाली को जोड़ते हुए, पड़ोसी राज्य झारखंड से नेपाल सीमा तक जाने में सहूलियत प्रदान करेगा और पटना के व्यस्त पुलों पर होने वाले भारी ट्रैफिक जाम को कम करेगा।
पुल बनने से समय और इंधन की होगी बचत
पुल की लागत लगभग 4,988 करोड़ रुपये है और इसकी कुल लंबाई एप्रोच रोड सहित 19 किलोमीटर से अधिक है, जबकि मुख्य पुल 9.76 किलोमीटर लंबा है। ये 67 पायों पर टिका होगा और गंगा के जलस्तर से 13 मीटर ऊंचा होगा। इस पुल के बनने से कई जिलों के बीच की दूरी 60 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।
कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल आने वाले दिनों में बिहार के विकास में अहम योगदान देगा। यह पुल न केवल दक्षिण और उत्तर बिहार के बीच की दूरी को कम करेगा बल्कि यातायात की भीड़भाड़ को भी कम करेगा। इस पुल के चालू होने से पटना के जेपी सेतु, महात्मा गांधी सेतु और राजेंद्र सेतु पर वाहनों का दबाव कम होगा, जिससे जाम की समस्या से राहत मिलेगी। इसके अलावा, ये पुल झारखंड से नेपाल सीमा तक पहुंच को भी आसान बनाएगा, जो व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा।
इंजीनियरिंग चमत्कार है ये पुल
पुल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और इसे इसी साल पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह पुल 67 पायों पर केबल के सहारे बनाया जा रहा है, जिससे इसकी मजबूती और स्थायित्व सुनिश्चित होगा। दो पायों के बीच की दूरी 160 मीटर होगी, जो एक इंजीनियरिंग चमत्कार है।
बताया जा रहा है कि इस पुल के नीचे से जल परिवहन वाले जहाज भी आसानी से गुजरेंगे। कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल के बनने के बाद नवादा, मुंगेर या नालंदा जिले की ओर से आने वाली गाड़ियों को उत्तर बिहार जाने के लिए पटना आने की जरूरत नहीं होगी।