पंजाब, कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने पंजाब अपार्टमेंट और संपत्ति विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2024 को अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत दी। उन्होंने इसे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की आम लोगों के कल्याण और राज्य के रियल एस्टेट क्षेत्र को विनियमित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने वालों की समस्याओं को हल करने के लिए ढाई साल तक कड़ी मेहनत की है और भविष्य में अवैध कॉलोनियों के निर्माण को रोकने के लिए यह विधेयक लाया है।
उन्होंने उन उपनिवेशवादियों का समर्थन करने के लिए पिछली सरकारों की निंदा की जिन्होंने अवैध कॉलोनियां बनाईं, जिसके परिणामस्वरूप आज शहरों में मलिन बस्तियां बन गई हैं।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकारों ने वर्ष 2014, 2016 और 2018 के दौरान पापरा अधिनियम, 1995 में संशोधन किए, लेकिन ये संशोधन आम लोगों की समस्याओं को हल करने के बजाय मुख्य रूप से अवैध कब्ज़ा करने वालों का पक्ष लेते थे। ऐसी ख़राब नीतियों के कारण आज प्रदेश भर में लगभग 14,000 अवैध कॉलोनियाँ हैं।
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अमन अरोड़ा ने बताया कि जिन व्यक्तियों ने 500 गज तक के प्लॉट के लिए 31 जुलाई 2024 से पहले लिखित स्टेटमेंट (सेल एग्रीमेंट), पावर ऑफ अटॉर्नी (पावर ऑफ अटॉर्नी) और बैंक के माध्यम से लेनदेन किया है, वे इस साल 2 नवंबर तक ऐसा कर कोई भी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) से पंजीकरण प्राप्त कर सकता है।
विपक्ष की चिंताओं को शांत करते हुए अमन अरोड़ा ने कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य अवैध या अनधिकृत कॉलोनियों को विनियमित करना नहीं है बल्कि यह अवैध कॉलोनियों में 500 गज तक के भूखंडों के पंजीकरण पर केंद्रित है।
इस कदम का उद्देश्य पिछली सरकारों के विपरीत अवैध कॉलोनियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना है, जो ऐसी बुरी प्रथाओं को प्रोत्साहित करती रही हैं। बताना होगा कि 31 जुलाई से पहले जिन भूखंडों का लेन-देन बियाना या बैंक के माध्यम से नहीं होगा, वे इस अधिनियम के दायरे में नहीं आएंगे।