रोहतक: पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक के कुलपति डाॅ. एच.के. अग्रवाल ने शुक्रवार को प्रदेश वासियों को ईआरसीपी मशीन का उद्घाटन करके बहुत बडी सौगात दी है। उन्होंने शुक्रवार को रिबन काटकर इस सुविधा का शुभारंभ किया। इस सुविधा के शुरू होने पर प्रदेश के मरीजों को ईआरसीपी करवाने के लिए अब महंगे प्राइवेट अस्पतालों या दिल्ली नहीं जाना पडेगा।
इस अवसर पर उपस्थित चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने कहा कि इस मशीन के शुरू होने से मरीजों को अब अपने पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं का इलाज कराने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पडेगी। इससे प्रदेशवासियों को समय और धन दोनों की बचत होगी। डाॅ. अग्रवाल ने कहा कि इस मशीन के माध्यम से मरीजों को सटीक और त्वरित इलाज मिल सकेगा, जिससे उनकी सेहत में जल्दी सुधार होगा। डाॅ. अग्रवाल ने इस मशीन को संस्थान में शुरुआत करवाने के लिए डाॅ. तराना गुप्ता व डाॅ. संदीप गोयल को बधाई दी।
निदेशक डाॅ.एस.के. सिंघल ने कहा कि संस्थान का यह प्रयास निसंदेह प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। डाॅ. सिंघल ने कहा कि ईआरसीपी (एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेंजियोपैन्क्रिएटोग्राफी) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर पित्त और पेनक्रियाज नलिकाओं में समस्याओं का निदान और उपचार करने के लिए एंडोस्कोपी और एक्स-रे का उपयोग करते हैं।
सीनियर प्रोफेसर डाॅ. तराना गुप्ता ने बताया कि उनके विभाग द्वारा वर्ष 2016 से 2024 तक करीब 18168 एंडोस्कोपी, 2132 कोलोनोस्कोपी व 376 पीडियाट्रिक एंडोस्कोपी की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आज कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल व अन्य अधिकारियों ने इस करीब 60 लाख की मशीन का उद्घाटन करके पूरे प्रदेश से आने वाले मरीजों को बहुत बडी राहत प्रदान की है क्योंकि पहले मरीजों को यह सुविधा प्रदेश में किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं होने के चलते 30 से 40 हजार रुपए तक देकर बड़े प्राइवेट अस्पतालों में ईआरसीपी करवानी पडती थी और अब यहां उन्हें यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध होगी।
डाॅ. तराना गुप्ता ने बताया कि कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने अपने कार्यकाल में बहुत कम समय में यह सुविधा उपलब्ध कराई है। उन्होंने बताया कि इस मशीन के लिए नर्सिंग स्टाफ को विशेष तौर पर एम्स से ट्रेनिंग दिलाई जा रही है।
प्रोफेसर डाॅ. संदीप गोयल ने बताया कि जिन मरीजों को पित्त की नली में पथरी, पित्त की नली का कैंसर, पैंक्रियाज ग्रंथि का कैंसर की वजह से पीलिया होगा उनका इस ईआरसीपी मशीन से इलाज किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इन बीमारियों की वजह से मरीजों को बहुत ज्यादा पीलिया हो सकता है और कुछ केस में तो मरीज की जान भी जा सकती है।
डाॅ. संदीप गोयल ने कहा कि पहले पित्त की नली की पथरी निकालने के लिए मरीज का ऑपरेशन करना पडता था, जिसके बाद मरीज को 3 से 5 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता था। अब इस मशीन से मरीज शाम तक अपना उपचार कराकर घर जा सकता है।
डाॅ. संदीप ने बताया कि पेंक्रियाज ग्रंथी व पित्त की नली कैंसर के मरीज में इससे स्टंट डाला जा सकेगा। उन्होंने बताया कि स्टेट बैंक आफ इंडिया की मेडिकल शाखा द्वारा इस मशीन के लिए ओटी टेबल भेंट की गई है। डाॅ. संदीप ने कहा कि इस सुविधा के लिए चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. कुंदन मित्तल, डाॅ. सुधीर अत्री, डाॅ. संजय मरवाह ने काफी योगदान दिया।
इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. कुंदन मित्तल, डीन छात्र कल्याण डाॅ. एम.जी. वशिष्ठ, डाॅ. पुष्पा दहिया, डाॅ. सुधीर अत्री, डाॅ. सुशीला तक्षक, डाॅ. दीपक जैन, डाॅ. जसमिंद्र, डाॅ. अनुभा, डाॅ. मोहिनी, नर्सिंग सिस्टर सुनीता, कश्मीर, कपिल, राजबाला, मेडिसन विभाग की अन्य फैकल्टी व जूनियर रेजिडेंट भी उपस्थित रहे।