Tuesday, May 21, 2024
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इस दिवाली पर रहें ‘फेस्टिव हार्ट सिंड्रोम’ से सावधान

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दिवाली के साथ-साथ फेस्टिवल के साथ-साथ हमारी लाइफस्टाइल में भी काफी बदलाव आता है। इस समय हर कोई घर की एसी और पंखे झाड़-पोछकर रखे जाते हैं। ये वो वक्त होता है जब उमस भरी गर्मी और भीगी बरसात के बाद सर्दी का सुहाना मौसम दस्तक दे रहा होता है। दिवाली की शुरुआत ही पकवान और मिठाइयों के साथ होती है।

दीपावली के पकवानों और मिठाइयों के बाद जैसे-जैसे ठंड बढ़ती जाएगी, लोग गर्माहट पाने के लिए अलग-अलग जुगत भिड़ाएंगे। इसके लिए अल्कोहल का भी सहारा लिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर, ये भी सुनने को मिलता है कि अरे बदलते मौसम में लोग बीमार तो पड़ते ही हैं। लेकिन मेडिकल रिसर्च और डॉक्टरों की मानें तो बीमार पड़ने का कारण मौसम में बदलाव से ज्यादा हमारी लाइफ स्टाइल में आया तेज और अनहेल्दी बदलाव होता है।

त्योहार की इस चहल-पहल में अपने स्वास्थ्य के प्रति सुध खोने को ही फेस्टिव हार्ट सिंड्रोम कहते हैं। त्योहारों के इस मौसम में खाने-पीने में अचानक बदलाव होता और शराब का सेवन अचानक बढ़ जाता है तो दिल से जुड़ी समस्यायें बढ़ जाती है।

दिवाली और ठंड के इस मौसम में होते हैं ये बदलाव 

दिवाली के वक्त दो चीजें तेजी से बदलती है। एक ओर तो हमारे लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव आता है वहीं दूसरी ओर मौसम भी बदलता है। सर्दी का मौसम दस्तक दे रहा है। छुट्टियों का समय होने की वजह से फूड हैबिट्स के साथ खाने और सोने के टाइम में भी बदलाव होता है। हमारे शरीर को अचानक हुए इस बदलाव के साथ एडजस्ट करने में थोड़ी मुश्किल होती है।

इस मौसम में खास बातों का रखें ख्याल 

ज्यादा एक्सरसाइज ना करें- जब कभी हम ज्यादा खाना खा लेते हैं या कुछ दिनों तक लगातार अराजक लाइफ स्टाइल अपनाते हैं तो हमें लगता है कि एक ही दिन में बहुत ज्यादा कसरत करके हम इसकी भरपाई भी कर लेंगे। यह तरीका ठीक नहीं है। हर चीज को करने का एक तरीका होता है। उसमें संतुलन बहुत जरूरी है। जब हम गिल्ट में आकर अचानक बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं तो उससे दिल पर अचानक बहुत दबाव पड़ता है और मसल स्ट्रेन होने का भी खतरा रहता है। साथ ही इस तरह की गई एक्सरसाइज शरीर को फायदा कम और नुकसान ज्यादा पहुंचाती है। कोशिश करें की नियमित रुप से एक्ससाइज करें।

नींद के साथ ना करें खिलवाड़- त्योहार के इस मौसम में सोने-जागने का ठिकाना नहीं रहता। इससे हमारे शरीर और दिमाग को आराम करने का पर्याप्त समय नहीं मिल पाता। इसकी वजह से सिर दर्द से लेकर पेट दर्द तक की समस्या हो सकती है। अपच का सबसे बड़ा एक कारण पर्याप्त नींद न लेना भी हो सकता है। इसलिए अगर आपके सोने के पैटर्न में बदलाव आता है तो ध्यान रहे कि नींद की हर दिन डोज जरूर पूरी होती रहे।

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बासी खाना ना खायें- फेस्टिव के मौसम में यह ज्यादा होता है कि हम बचा हुआ खा लेते हैं। ज्यादा मात्रा में पकवान बनते और बच जाते हैं तो कई दिनों तक उसे खाते रहते हैं। दरअसल बासी खाने में ई-कोलाई जैसे जानलेवा बैक्टीरिया होते हैं, जो डायरिया और उल्टी के साथ फूड पॉइजनिंग का भी कारण बन सकते हैं।

 

 

 

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