रोहतक : उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार ने महम के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में लिपिक के पद पर तैनात दीपक के विरुद्ध राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक को अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की सिफारिश की है।
जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार ने कहा कि इस संदर्भ में शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी महम विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी एवं उपमंडल अधिकारी नागरिक द्वारा जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया लिपिक दीपक को राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त पाया गया तथा कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही का अनुरोध किया गया। इसी रिपोर्ट के आधार पर विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक को उपरोक्त कर्मचारी के विरुद्ध चुनाव आयोग की हिदायतों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाने की सिफारिश की गई है।
अधिकारियों व कर्मचारियों को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने के जारी किए आदेश
उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार द्वारा गत दिनों भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों अनुसार जिला के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सभी राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने के निर्देश जारी किए गए है। इन्हें निर्देश दिए गए है कि वे किसी भी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी के प्रचार प्रसार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल न हों। यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी इन राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी व कर्मचारी किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों जैसे कि राजनीतिक दलों के प्रचार-प्रसार, बूथ एजेंट, चुनाव एजेंट व मतगणना एजेंट बनने से दूर रहें। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 129 के अनुसार चुनाव के संबंध में कोई कर्तव्य निभाने के लिए नियुक्त अधिकारी या कर्मचारी चुनाव के संचालन व प्रबंधन में किसी उम्मीदवार के चुनाव की सम्भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए कोई कार्य (वोट देने के अलावा) नहीं करेगा।
उपायुक्त अजय कुमार ने कहा है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 के तहत चुनाव से सम्बंधित पदीय कर्तव्य (चुनाव डयूटी) के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी को दंडित किया जा सकता है। धारा 134 (क) के तहत यदि सरकारी सेवारत कोई व्यक्ति चुनाव में किसी उम्मीदवार के चुनाव एजेंट या मतदान एजेंट या मतगणना एजेंट के रूप में कार्य करता है तो उसे तीन महीने तक कारावास या जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। इसके अलावा, हरियाणा सिविल सेवा (कर्मचारी आचरण) नियम 2016 के नियम 9 के तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल या राजनीति में शामिल ऐसे संगठन का सदस्य नहीं हो सकता। इसके साथ ही वह किसी राजनीतिक आंदोलन या गतिविधि में भाग नहीं लेगा। यदि कोई कर्मचारी इन नियमों का उल्लंघन करते पाया गया तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।