Sunday, November 24, 2024
Homeहरियाणारोहतकदिल्ली में हरियाणा की झांकी में रोहतक के कलाकार देंगे मनमोहक सांस्कृतिक...

दिल्ली में हरियाणा की झांकी में रोहतक के कलाकार देंगे मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुति

रोहतक। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी को आयोजित किए जाने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में हरियाणा की झांकी को इस वर्ष लगातार तीसरी बार परेड में शामिल किया गया है। हरियाणा की झांकी के साथ दोनों तरफ हरियाणवी पारंपरिक वेशभूषा में महिला कलाकार हरियाणवी नृत्य करती नजर आती है। झांकी में सांस्कृतिक टीम का नेतृत्व रोहतक जिला द्वारा किया जा रहा है।

जिला उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि जिले के लिए यह गर्व की बात है। इन कलाकारों का नेतृत्व हरियाणवी फिल्मों की डांस डायरेक्टर लीला सैनी कर रही हैं। इस टीम में नैंसी, ईशा, तनु, हेमलता, प्रिंसी, रितु, नेहा, रोहिनी, उषा, स्वाति, दीप्ति, अनुष्का, मीनाक्षी, दिव्या, सानिया, चाहत, कशिश व छवि शामिल हैं। यह सभी कलाकार पिछले एक सप्ताह से दिल्ली के राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में अभ्यास कर रहे हैं।

हरियाणा की झांकी के प्रदर्शन के दौरान हरियाणवीं बोली में गीत भी बजता रहेगा, जिसके बोल हैं, ‘जय हरियाणा, विकसित हरियाणा, सीधे साधे लोग है इसके, दूध दही का पीणा खाणा, सुंदर सडकें समतल चौड़ा, यातायात का ताना-बाना, पल-पल चलती रेल मेट्रो सुगम सभी का आना-जाना, सुख, समृद्धि, खुशहाली और अमन चैन का यहां ठिकाना, वर्तमान है उज्जवल इसका, भविष्य सुरक्षित सबने माना, इतना सब कुछ मेरे सूबे में क्यू ना मन चाहवै इतराणा–जय हरियाणा।’ इसके अलावा इस अग्रणी भाग में ही नीचे के हिस्से में आमजन मानस को आसानी से मिलने वाली सुविधाओं तथा सेवाओं को दर्शाया गया है।

झांकी के अगले भाग में टैबलेट हाथ में लिये नजर आएगी स्कूली छात्रा

जनसम्पर्क विभाग के महानिदेशक मनदीप बराड के मार्गदर्शन में कार्यक्रम की तैयारी चल रही है। हरियाणा अपनी अनूठी योजनाएं लागू करके प्रगति के पथ पर लगातार आगे बढ़ रहा है। हरियाणा की झांकी के अग्रणी भाग (ट्रैक्टर) में एक स्कूली छात्रा दर्शायी गई है, जिसके हाथ में टैबलेट है, जो डिजिटल हरियाणा का प्रतीक है। ध्यान रहे कि राज्य सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी ई-अधिगम कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों में 10वीं से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को निशुल्क टैबलेट वितरित कर रिकार्ड कायम किया था। इसके पीछे सरकार की सोच यही थी कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी डिजिटल रूप से शिक्षा ग्रहण कर सकें।

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -

Most Popular