हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि प्राकृतिक खेती समय की मांग है और इस खेती को बढ़ावा देने में हरियाणा ने पहल कर दी है। किसानों का भी इस खेती की ओर रुझान लगातार बढ़ रहा है। प्राकृतिक खेती से पर्यावरण प्रदूषण तो कम होगा ही, साथ में उत्तम व पौष्टिक आहार की भी उपलब्धता होगी। खेती में रासायनिक खादों के प्रयोग को कम कर एनपीके खाद के इस्तेमाल को बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि धान की रोपाई का काम लगभग पूरा हो चुका है और अब फसल में डीएपी व यूरिया खाद की खपत बढ़ेगी। इसलिए अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि खाद की कमी न रहे। यूरिया व डीएपी खाद की कालाबाजारी रोकी जाए। प्रदेश में खाद की कमी नहीं रहने दी जाएगी।
कृषि मंत्री अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि डीएपी व यूरिया खाद का रिकार्ड रखा जाए और यह भी व्यवस्था की जाए कि हरियाणा का खाद दूसरे प्रदेशों में न जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई खाद की कालाबाजारी करता है, नकली दवा व बीज बेचता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। अगर डीलर किसानों को खाद के साथ अन्य कोई प्रोडेक्ट जबरदस्ती बेच रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। अधिकारी हर रोज खाद की बिक्री का रिकार्ड रखें और अगर किसानों को आ रही दिक्कतों का तुरंत समाधान करने का प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा करवाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। किसानों को फसलों का बीमा करवाने के लिए जागरूक किया जाए। अगर कोई कंपनी बीमा नहीं कर रही है तो इसकी भी रिपोर्ट तैयार की जाए, ताकि किसानों को दिक्कत न हो।
बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज अग्रवाल, कृषि विभाग के महानिदेशक राजनारायण कौशिक सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।