हरियाणा राज्य के 12 से 13 अगस्त दौरे के दौरान चुनाव प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को जारी किए गए आयोग के निर्देशों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा करने के लिए, भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने गुरूवार को हरियाणा विधानसभा के चुनाव की तैयारियों के संबंध में 11 जिलों के मंडल आयुक्तों, आईजी पुलिस रेंज, डिप्टी कमिश्नर कम डीईओ, पुलिस आयुक्तों और एसपी, जनरल ऑब्जर्वर, पुलिस ऑब्जर्वर के साथ बैठक की।
टीम में उप चुनाव आयुक्त हृदेश कुमार, निदेशक व्यय पंकज श्रीवास्तव, उप चुनाव आयुक्त संजीव कुमार और प्रमुख सचिव एसबी जोशी शामिल थे। बैठक हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल की उपस्थिति में हुई।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और राज्य पुलिस नोडल अधिकारी के साथ प्रशासनिक, कानून व्यवस्था तथा चुनाव संबंधी व्यवस्थाओं की समीक्षा की थी। आयोग ने कानून और व्यवस्था की बेहतर स्थिति बनाए रखते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का निर्देश दिया था। उन्होंने निर्देश दिए कि मृत और स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से हटाया जाए। इसके अलावा, मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल वातावरण के साथ-साथ पोलिंग बूथों पर न्यूनतम सुनिश्चित सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया। डीईओ को सभी राजनीतिक दलों के लिए समान रूप से सुलभ होने और विभिन्न चुनाव संबंधी गतिविधियों से संबंधित शिकायतों का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिये।
आज की बैठक में उप चुनाव आयुक्त हृदेश कुमार ने मतदाता सूचियों के अंकन, एएसडी (अनुपस्थित, स्थानांतरित, डुप्लिकेट या मृत) सूचियों को तैयार करने की समय-योजना, मतदाता सूचियों के वितरण, मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) वितरण और मतदाता सूचियों से संबंधित किसी भी बड़ी शिकायत के समाधान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि लंबित ईपीआईसी कार्डों की छपाई प्रिंटर से कराई जाए और 30 सितंबर तक ईपीआईसी कार्ड वितरित किए जाएं। इस कार्य का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बीएलओ को लगाया जा सकता है। अंकित सूचियां निर्देशों के अनुसार तैयार की जानी चाहिए। साथ ही उम्मीदवारों को सौंपी जाने वाली मतदाता सूचियों की प्रतियों का मिलान अंकित मतदाता सूचियों से किया जाना चाहिए।
उन्होंने जिला आयुक्तों-सह-डीईओ और एसपी को व्यक्तिगत रूप से मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने और आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। आयोग ने बल दिया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर बीएलओ द्वारा मतदाता सुविधा बूथ स्थापित किए जाने चाहिए। लाइनों में खड़े मतदाताओं की सुविधा के लिए बैठने की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।
टीम ने सभी मतदान केंद्रों से वेबकास्टिंग की आवश्यकता बताई। बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए, उच्च गुणवत्ता के कैमरों का उपयोग किया जाना चाहिए और उन्हें इस तरह से स्थापित किया जाना चाहिए कि वे प्रभावी निगरानी के लिए मतदान केंद्रों को ठीक से कवर करें। साथ ही मतदान की गोपनीयता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। डीईओ ने चुनाव आयोग को विशेष मॉडल मतदान केंद्रों की स्थापना के बारे में जानकारी दी। इनमें पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित ‘गुलाबी बूथ’, युवा कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित बूथ और दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) कर्मचारियों द्वारा देखरेख वाले बूथ शामिल हैं।
पुलिस अधिकारियों ने कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी दी। टीम ने केंद्रीय बलों की तैनाती और अन्य सुरक्षा व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया। हालांकि, पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय करके सीमावर्ती क्षेत्रों की बेहतर निगरानी के लिए तत्काल कार्रवाई पर जोर दिया।
आयकर विभाग, एसजीएसटी, सीजीएसटी, राज्य पुलिस, राजस्व खुफिया निदेशालय, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, नागरिक उड्डयन, सीमा शुल्क और राज्य परिवहन की प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एक अन्य बैठक में, टीम ने पाया कि हाल के लोकसभा चुनावों की तुलना में जब्ती कम हुई है। इस रणनीति को फिर से तैयार करने, विभिन्न फ्लाइंग स्क्वाड निगरानी टीमों और स्थैतिक निगरानी टीमों के कामकाज की निगरानी करने पर बल दिया। पुलिस को आयोग के पुलिस मैनुअल के अनुसार अन्तर्राज्यीय सीमा पर मिरर चेक पोस्टों की तत्काल स्थापना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। पुलिस अधिकारियों ने निगरानी बढ़ाने और जब्ती बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आश्वासन दिया। आयोग ने साथ ही चेताया कि इन कर्तव्यों का पालन करते समय लोगों को असुविधा न हो। आबकारी एवं कराधान विभाग, आरपीएफ, जीआरपी, आयकर विभाग आदि जैसी अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों को भी नकदी, मादक पदार्थों और अवैध शराब के प्रवाह को नियंत्रित करने और रोकने के लिए बेहतर समन्वित प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित और निर्देशित किया गया।
टीम ने मतगणना केंद्रों, डाक मतपत्रों, मतदान कर्मचारियों के प्रशिक्षण से संबंधित तैयारियों की भी समीक्षा की। जिला निर्वाचन अधिकारियों ने उपरोक्त मुद्दों पर जानकारी दी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया कि करनाल में एक केंद्रीकृत डाक मतपत्र संग्रह केंद्र स्थापित किया जाएगा। घर से मतदान के लिए, दिव्यांग मतदाताओं और 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए मतदान एजेंट की उपस्थिति में आरओ द्वारा प्रावधान किए जाएंगे और प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए, दिव्यांग मतदाताओं, 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की परिवहन सुविधा जैसी अन्य आवश्यकताएं जहां भी आवश्यक हों, विभाग द्वारा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
टीम ने आगे दोहराया कि इन चुनावों में मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए स्थानीय स्तर और राज्य स्तर पर अधिकतम प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील जिलों में अच्छे मतदान का हवाला दिया और कहा कि राज्य को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।
बैठक के अंत में उन्होंने बल दिया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। बैठक में शामिल जिलों में पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, पानीपत, कैथल, जींद, फतेहाबाद, सिरसा और हिसार शामिल हैं।