पंजाब, संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब में शामिल संगठनों की एक अहम बैठक आज लुधियाना के करनैल सिंह इसरू भवन में हुई, जिसकी अध्यक्षता रुलदू सिंह मानसा, बिंदर सिंह गोलेवाला और बलविंदर सिंह राजू औलख ने की।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जो मांग पत्र 17 अगस्त को पंजाब के मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को दिया गया है, उन मांगों पर सरकार को जगाने के लिए 2 सितंबर को चंडीगढ़ में विशाल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
इस संबंध में आयोजन समिति, मंच प्रबंधन समिति, प्रेस समिति एवं अन्य समितियों का गठन कर संस्थाओं के दायित्वों पर प्रकाश डाला गया। सभी संगठनों ने स्वयं अपने संगठन द्वारा किसानों की भागीदारी की संख्या नोट की।
बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर संयुक्त किसान मोर्चा के खिलाफ कंगना रनौत के बयान पर कड़ी नाराजगी और गुस्सा व्यक्त करते हुए मांग की गई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कंगना रनौत के बयान पर माफी मांगें। कंगना रनौत और उनकी फिल्म का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
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बीते दिन तीन किसान नेताओं को दिल्ली एयरपोर्ट पर गैरकानूनी तरीके से रोकने और उनके टिकट रद्द करने की कड़ी निंदा की गई। बैठक में कहा गया कि संयुक्त किसान मोर्चा के हाथों मिली हार का बदला लेने के लिए मोदी सरकार अब भी किसान विरोधी कदम उठाने से बाज नहीं आ रही है।
एक अन्य प्रस्ताव के जरिए केंद्र सरकार ने बासमती के निर्यात पर बढ़ाए गए शुल्क को रद्द करने की मांग की। इसी तरह पंजाब सरकार से सोसायटियों में जबरदस्ती नैनो डीएपी खाद देना बंद करने की मांग की गई।
इसी प्रकार गन्ने का रेट कम से कम 450 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए। मिलों को चलाने की तारीख तय की जाए और 15 नवंबर से पहले इन मिलों को चालू किया जाए। हाल के दिनों में, पंजाब सरकार ने संघर्षरत कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की है।