राजकीय महाविद्यालय नारनौल में आज उच्चतर शिक्षा आयुक्त के दिशा-निर्देशों में और यूथ रेड क्रॉस प्रकोष्ठ के सौजन्य से राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया । इस दौरान प्राचार्य डॉ पूर्ण प्रभा ने विधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि 23 अगस्त 2024 नेशनल स्पेस डे ( राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस) कार्यक्रम को युवा पीढ़ी को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रेरित करने और जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यूथ रेडक्रॉस के नोडल अधिकारी और कार्यक्रम संयोजक डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि भारत सरकार पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महाविद्यालय विधार्थियों को उत्साहित करने हेतु इस तरह के आयोजनों और गतिविधियों के साथ मनाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने अंतरिक्ष अभियानों में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए महीने भर चलने वाले अभियान का आयोजन किया है। इस वर्ष की थीम, ‘चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा’, समाज और प्रौद्योगिकी पर अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रभाव पर प्रकाश डालती है।इस मौके पर उपप्राचार्य डॉ जगजीत सिंह मोर, और वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक डॉ सोनू जागलान ने बताया कि आज 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर महाविद्यालय विधार्थियों द्वारा अन्तरिक्ष जागरूकता शपथ ग्रहण करके देश के उत्थान के लिए अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए शपथ लें कर देश का जिम्मेदार नागरिक होने का दायित्व निभाया।
सिनियर प्रोफेसर डॉ मुकेश यादव, महाविद्यालय कुलसचिव डॉ सत्य पाल सुलोदिया ने बताया कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर सभी स्टाफ सदस्यों और विधार्थियों द्वारा इसकी वीडियो और फोटो उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए लिंक पर अपलोड किया गया। इसके बाद छात्र वहां से प्रमाण पत्र भी डाउनलोड भी कर सकेंगे। महाविद्यालय विधार्थी खगोल फोटोग्राफी में भी लेंगे हिस्सा उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा खगोल फोटोग्राफी भी आयोजित की जाएगी। इसके लिए उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए लिंक पर छात्रों को प्रशिक्षण देने के कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद छात्र अपने स्मार्ट फोन से चंद्रमा या अन्य खगोल गतिविधि की फोटो खींचकर अपलोड करनी होगी। सर्वश्रेष्ठ फोटो को पुरस्कृत भी किया जायेगा।