विवादों के बाद केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी को 17 अगस्त को जारी किए गए लेटरल एंट्री भर्ती के विज्ञापन को रद्द करने के लिए यूपीएससी की चेयरमैन प्रीति सूदन को पत्र लिखा है।
पत्र मे लिखा गया गया कि लेटरल एंट्री पदों को विशिष्ट माना गया है और एकल-कैडर पदों के रूप में नामित किया गया है, इसलिए इन नियुक्तियों में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
Union Minister Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) writes to Chairman UPSC on canceling the Lateral Entry advertisement as per directions of PM Modi. pic.twitter.com/Qqbw0S1v7d
— Press Trust of India (@PTI_News) August 20, 2024
बता दें कि यूपीएससी ने 17 अगस्त को लेटरल एंट्री भर्ती के लिए 45 पोस्ट पर वैकेंसी निकाली थी। इसे अब रद्द कर दिया गया है।
जानें- क्या है लेटरल एंट्री
लेटरल एंट्री के जरिए कई बार यूपीएससी केंद्र सरकार के लिए बड़े पदों पर एक्सपर्ट्स की सीधी भर्ती करती है। लेटरल एंट्री का अर्थ, परीक्षा दिए बिना सीधी भर्ती से है। इसमें राजस्व, वित्त, आर्थिक, कृषि, शिक्षा जैसे सेक्टर्स में लंबे समय से काम कर रहे लोग शामिल होते हैं। सरकार के मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी की पोस्ट पर भर्ती लेटरल एंट्री से की जाती है।
संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे।
भाजपा की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे।
मैं एक बार फिर कह रहा हूं – 50% आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे।
जय हिन्द।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 20, 2024