भुवनेश्वर/ नई दिल्लीः उड़ीसा के ‘आइकान’, गरीब आदिवासी बच्चों की मुफ्त व उत्तम पढ़ाई के लिए दुनिया के सबसे बड़े ट्राइबल स्कूल ‘किस’ व डीम्ड यूनिवर्सिटी ‘कीट’ के संस्थापक, गरीबों की शिक्षा के ‘केजी टू पीजी’ माडल के प्रणेता, महान शिक्षाविद व परोपकारी डा. अच्युत सामंत को उनके शिष्य कभी हारने नहीं देते।
कहीं कभी कोई लकीर छोटी भी पड़ गई तो डा. सामंत के सींचे हुए होनहार शिष्य इतनी बड़ी लकीर खींच देते हैं कि देश चमत्कृत हो उठता है। आगामी पेरिस ओलंपिक के लिए कीट के 12 खिलाड़ियों का क्वालिफाई करना एक ऐसा ही कारनामा है।
ओलंपिक खिलाड़ियों की नर्सरी के रूप में बड़ी तेजी से उभर रहे (KISS-KIIT), भुवनेश्वर के 12 प्रतिभावान खिलाड़ियों के 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई करने से कीट प्रांगण गर्व और खुशी से झूम उठा है। टीम जीत के जज्बे से लबरेज है। कीट देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जो भारत के सभी विश्वविद्यालयों में एथलीटों का सबसे बड़ा दल भेज रहा है। कीट -कीस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत ने खिलाडियों का उत्साह बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने ओलंपिक में जलवा दिखाने के पहले ही हर एथलीट को 7-7 लाख रुपये देने की घोषणा की है, जिससे उन्हें इस क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और देश का नाम रोशन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
जिन एथलीटों ने स्थान अर्जित किया है, वे हैं – पुरुष हॉकी में अमित रोहिदास, भाला फेंक में किशोर कुमार जेना; 3000 मीटर स्टीपलचेज़ और 5000 मीटर में पारुल चौधरी; 20 किमी रेस वॉक और मैराथन रेस वॉक मिक्स्ड रिले में प्रियंका; जेवलिन थ्रो में अन्नू रानी; 100 मीटर बाधा दौड़ में ज्योति याराजी; शॉटपुट में तजिंदरपाल सिंह तूर; शॉटपुट में आभा खटुआ; 4×400 मीटर रिले रेस में प्राची; 5000 मीटर में अंकिता; 20 किमी रेस वॉक में परमजीत सिंह बिष्ट और मैराथन रेस वॉक मिक्स्ड रिले टीम में सूरज पंवार।
डॉ. अच्युत सामंत ने भुवनेश्वर में एक विशेष कार्यक्रम में गौरवान्वित दल को बधाई देते हुए कहा, “आपकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने आपको इस प्रतिष्ठित मंच पर पहुंचाया है।” सभी 12 खिलाड़ी जो अभी में यूरोप के विभिन्न देशों के विभिन्न शिविरों में हैं, कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। डॉ. सामंत ने कहा है कि कीट -कीस भारत का पहला ऐसा संगठन है जिसने सबसे अधिक खिलाड़ियों को ओलंपिक में भेजा है। उन्होंने यह भी बताया कि कीट -कीस ने 20 ओलंपियन और 2 पैरालिंपियन पहले ही तैयार किए हैं, जिन्होंने 2016 रियो ओलंपिक, 2020 टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 2024 पेरिस ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने कहा कि अपने कीट -कीस को 7 अर्जुन पुरस्कार विजेताओं पर गर्व है।
उन्होंने आगे कहा, “हमें खुशी है कि कीट के 12 प्रतिभावान खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक 2024 में भाग ले रहे हैं, जिससे हमें और देश को गर्व होगा। अपना सर्वश्रेष्ठ दें और अपनी उपलब्धियों से चमकें। पूरा कीट -कीस परिवार आपके पीछे खड़ा है और आपका उत्साहवर्धन कर रहा है”,
इन प्रतिभाशाली एथलीटों ने असाधारण कौशल और समर्पण का प्रदर्शन किया है प्रोफेसर सरनजीत सिंह, कुलपति, कीट डीम्ड विश्वविद्यालय प्रोफेसर ज्ञान रंजन मोहंती, कुलसचिव, कीट डीम्ड विश्वविद्यालय,संजय कुमार गार्नाईक, मुख्य एथलेटिक कोच; और डॉ. गगनेंदु दाश, महानिदेशक, खेल एवं योग, कीट डीम्ड विश्वविद्यालय भी अवसर पर उपस्थित थे।
ओलंपिक में भारत की अबतक की उपलब्धि भले निराशाजनक रही हो लेकिन डा. सामंत ने उड़ीसा को पिछले करीब 2 दशकों से किस- कीट के जरिए जिस कदर सींच कर खिलाड़ियों की एक फौज तैयार की है कि आने वाले समय में ओलंपिक के आकाश में देश की निराशा के बादलों का छंटना तय है। उड़ीसा में डा. सामंत ने शिक्षा एवं खेलों की जो अलख जगाई है वह पूरे देश के सम्मान में चार चांद लगा रहा है। किस-कीट शिक्षा व समाज सेवा के क्षेत्र में सफलता की एक ऐसी कहानी है जिसका पूरी दुनिया में कोई सानी नहीं है। देश दुनिया की जिन बड़ी बड़ी हस्तियों ने भुवनेश्वर आकर सफलता की इस कहानी का दीदार किया और किस्से सुने वे डा. सामंत की इस उपलब्धि पर हैरान हुए। और कौन नहीं आए शिक्षा के इस तीर्थ स्थल को देखने !!!!! सबने कहा- कैसे किया यह सब आपने डा. सामंत है ? यह असंभव है।