चंडीगढ़। हरियाणा सरकार द्वारा ग्रामीण आंचल में विकास कार्यों को तेज गति प्रदान करने के लिए पंचायतों को अधिकार देने के साथ-साथ उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त करने के भी निरंतर प्रयास जारी हैं। इसी कड़ी में बिजली निगमों द्वारा एकत्रित पंचायत कर की लगभग 157.37 करोड़ रुपये की राशि भी पंचायतों को वितरित की गई है।
विकास एवं पंचायत राज्य मंत्री महिपाल ढांडा ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा ग्राम पंचायत क्षेत्र की सीमा के भीतर बिजली उपभोक्ताओं द्वारा बिजली की खपत के लिए बिल के दो प्रतिशत की दर से पंचायत कर लगाया जाता है। हालांकि, इसमें भारत सरकार द्वारा बिजली की खपत, या जहां इसका उपभोग भारत सरकार द्वारा किसी रेलवे के निर्माण, रखरखाव या संचालन में किया जाता है, या कृषि उपभोक्ताओं द्वारा उपभोग किया जाता है, शामिल नहीं है।
उन्होंने बताया कि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) ने 31 मार्च, 2023 तक 107.37 करोड़ रुपये (एकमुश्त) की राशि एकत्र की है और यह राशि यूएचबीवीएन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, यमुनानगर और झज्जर जिले की संबंधित ग्राम पंचायतों के खाते में स्थानांतरित कर दी गई है।
इसके अलावा, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) को 50 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है और इसे डीएचबीवीएन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले 12 डीडीपीओ को संबंधित ग्राम पंचायतों को आगे वितरण के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है। इस प्रकार कुल मिलकार दोनों बिजली निगमों द्वारा 157.37 करोड़ रुपये की राशि पंचायतों को वितरित की गई है।
महिपाल ढांडा ने कहा कि इस राशि का उपयोग गांवों में विकास कार्य करवाने, रखरखाव इत्यादि कार्यों पर खर्च किया जाता है। राज्य सरकार का ध्येय है कि स्थानीय स्तर की सरकार यानि ग्राम पंचायतें न केवल प्रशासनित दृष्टि से बल्कि आर्थिक रूप से सशक्त बनें, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में ढांचागत विकास के साथ-साथ मूलभूत सुविधाएं लोगों को मुहैया हो सकें।