हरियाणा की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने बताया कि प्रदेश की उच्चतर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। प्रदेश के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक तथा गैर – शैक्षणिक क्षेत्र के रिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा।
यह जानकारी शिक्षा मंत्री ने आज उस वक्त दी जब “वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ़ मैनेजमेंट ऑफ़ प्राइवेट एडिड कॉलेजिज” का एक प्रतिनिधमंडल उनसे मिलने आया हुआ था। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ कैथल विधानसभा क्षेत्र से विधायक लीला राम , एसोसिएशन के प्रेजिडेंट पूर्व विधायक तेजवीर सिंह , महासचिव सरदार ए एस ओबेरॉय भी शामिल थे।
शिक्षा मंत्री से “वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ़ मैनेजमेंट ऑफ़ प्राइवेट एडिड कॉलेजिज” ने मांग की कि प्रदेश के गवर्नमेंट एडिड कॉलेजों में शैक्षणिक तथा गैर – शैक्षणिक स्वीकृत पदों में से रिक्त पड़े पदों को भरने की अनुमति दी जाए ताकि विद्यार्थियों की पढाई प्रभावित न हो। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 में उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से राज्य के सभी गवर्नमेंट एडिड प्राइवेट कॉलेजों को एक पत्र भेजकर आगामी आदेशों तक शैक्षणिक तथा गैर – शैक्षणिक स्टॉफ की भर्ती न करने के निर्देश दिए गए थे। पहले दी गई अनुमति को भी वापस ले लिया गया था। निदेशक के इन निर्देशों के कारण अब प्रदेश के गवर्नमेंट एडिड प्राइवेट कॉलेजों में रिक्त पड़े (शैक्षणिक तथा गैर – शैक्षणिक) पदों को न भरने के कारण विद्यार्थियों की पढाई प्रभावित हो रही है।
शिक्षा मंत्री ने एसोसिएशन के सदस्यों को आश्वासन दिया कि वे इस मामले का अध्ययन करवा कर सकारात्मक कार्रवाई करेंगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में उच्चतर शिक्षा में कई बदलाव लाकर युवाओं को आत्मनिर्भर करने की दिशा में कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 7 वर्षों के दौरान हरियाणा में सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio) (जीईआर) में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। हरियाणा में जीईआर 32 प्रतिशत है, जिसमें से अखिल भारतीय सर्वेक्षण रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार महिला जीईआर 34.8 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय जीईआर 27.5 प्रतिशत और राष्ट्रीय महिला जीईआर 27.8 प्रतिशत है। हमारा लक्ष्य वर्ष 2025 तक जीईआर 50 प्रतिशत करना है।