Farmers News : हरियाणा में परंपरागत फसलें छोड़कर टमाटर और शिमला मिर्च की फसल की पैदावार करने वाले किसान मुसीबत में हैं। इन दिनों मंडियों में शिमला मिर्च और टमाटर के भाव औंधे मुंह गिरे हुए है। फुटकर में जिससे किसान चिंतित हो उठे हैं। उन्हें शिमला मिर्च और टमाटर की फसल हुए खर्च के पूरा होने के भी आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं।
किसानों को शिमला मिर्च व टमाटर की फसल के तोड़ने की मजदूरी भी पूरी नहीं हो रही है। किसानों ने सरकार से शिमला मिर्च और टमाटर के गिरते हुए दामों को देखते हुए प्रति एकड़ कम से कम 40 हजार रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
पिछले कुछ दिनों से मंडियों में शिमला मिर्च और टमाटर के दामों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। रविवार को शिमला मिर्च के भाव थोक में सात से आठ रुपये प्रति किलोग्राम व टमाटर के भाव चार रुपये से पांच रुपये प्रति किलोग्राम रहे। यहीं हाल सोमवार को मंडियों में रहा। वहीं फुटकर में टमाटर 10 रुपए किलो मिला रहा है।
सब्जी उत्पादक किसानों ने बताया कि उन्होंने इस बार अपने खेतों में शिमला मिर्च और टमाटर की खेती इसलिए की थी कि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। मगर पिछले कई दिन से व्यापारी खेतों से शिमला मिर्च को काफी कम दामों पर खरीद रहे हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को व्यापारियों ने बड़ी मुश्किल से सात से आठ रुपये प्रति किलोग्राम शिमला मिर्च व टमाटर को चार से पांच रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीदा।
किसानों ने बताया कि रविवार को शिमला मिर्च की 20 किलोग्राम की पन्नी 160 रुपये व टमाटर की 25 किलोग्राम की केट 120 रुपये में वह बेचने को मजबूर हुए। जबकि सप्ताह भर पहले तक शिमला मिर्च 15 से 18 रुपये प्रति किलोग्राम व टमाटर थोक के भाव प्रति क्रेट तीन सौ रुपये तक बिक रही थी।