Friday, December 27, 2024
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रोहतक की पॉश कलोनियों से दो किशोरियों को किया गया रेस्क्यू, बोली – हमें घर जाना है

झारखंड से रोहतक में घर में काम के लिए दिल्ली के एजेंट ने बेच दिया, दोनों किशोरी को 10 हजार रुपये महीना नौकरी का दिया था लालच, रेस्क्यू की गई किशोरी बोली-सारा घर का काम करवाते थे, फिर खाना भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता

रोहतक। रोहतक की पॉश कलोनियों से दो किशोरियों को रेस्क्यू गया है। दोनों किशोरियां झारखंड के जिला साहिबगंज की रहने वाली है। दिल्ली की एनजीओ मिशन मुक्ति फाउंडेशन के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने रोहतक पहुंच कर सीडब्ल्यूसी और पुलिस के साथ मिलकर दोनों किशोरियों की लोकेशन का पता लगाया और फिर घरों में छापेमारी की।

छापेमारी के दौरान मानसरोवर कालोनी स्थित एक घर से 16 वर्षीय व डीएलएफ कालोनी से 14 वर्षीय किशोरी को बरामद किया। दोनों किशोरियों को रेस्क्यू करने के बाद बालभवन में रखा गया है। दोनों किशोरियों के स्वजनों ने पुलिस को शिकायत दी हुई है कि वह कई दिनों से लापता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर इनकी तलाश में जुटी है। अब रोहतक में मिलने के बाद जिनके यहां नौकर के रूप में काम कर रही थी, सोमवार को उन घरों के मालिकों से भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

एनजीओ जांच एजेंसी तक पहुंची

दिल्ली की एनजीओ मिशन मुक्ति फाउंडेशन के निदेशक वीरेंद्र कुमार एवं झारखंड़ की पुलिस एजेंसी तक पहुंच चुकी है। दोनों को किशोरियों के फर्जी आधार कार्ड तैयार कर उनको बालिग दिखाया और फिर बड़े घरों में काम करने के लिए भेज दी गई। जिस एजेंसी के जरिये रोहतक में दोनों किशोरी आई है, उसका पता चल चुका है। नजफगढ़ में आशा ब्यूटी पार्लर के नाम से एजेंसी है, जो इस तरह के काम करती है। अब एनजीओ के संचालकों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी। इससे बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है। वहीं रोहतक की सीडब्ल्यूसी दूसरे जिलों के अधिकारियों से भी बातचीत कर रही है।

किशोरी बोली हमें घर जाना है

दोनों किशोरियों की काउंसिलिंग पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि 25 दिन पहले साहिबगंज की मार्केट में किसी काम से आई हुई थी। वहां एक व्यक्ति मिला, जिन्होंने पूछा कि खाना बनाना आता है। दोनों किशोरियों के हां में उत्तर देने के बाद उसने नौकरी लगवाने की बात कही। इसके बाद दोनों को बहलाफुसलाकर साहिबगंज रेलवे स्टेशन ले आया, यहां से दिल्ली के लिए ट्रेन में बैठ गए। जब ट्रेन दिल्ली पहुंची तो वहां से एक आटो को रोहतक के लिए बुक किया। इसके बाद रोहतक की आशा नाम की एक महिला से मिले और वह व्यक्ति दोनों किशोरी को महिला को सौंपकर चला गया। इसके बाद एक किशोरी को घर में काम करने के लिए डीएलएफ कालोनी व दूसरी किशोरी को मानसरोवर कालोनी एक घर में भेज दिया। अब रोहतक की एजेंट महिला व दिल्ली की एजेंट की तलाश की जा रही है।

रेस्क्यू के बाद जब काउंसिलिंग की गई तो सच सामने आया कि दोनों किशोरियों ने बताया कि उन्हें जहां काम के लिए छोड़ा गया है। उन्हें जगह का नाम तक नहीं पता। 16 वर्षीय किशोरी ने बताया कि घर का सारा काम करवाया जाता था और रहने के लिए घर में सबसे ऊपर बने एक स्टाेर में रहने के लिए जगह दी थी और खाना भी रात के समय 12 बजे के करीब खुद ही बनाकर खाना पड़ता था और यहां आने से पहले एक आशा नाम की महिला से मिले थे। उसी ने यहां छोड़ा। अब कुछ पता नहीं कि कौन कहां है। उन्होंने कहा कि उनके साथ कोई मारपीट जैसी प्रताड़ना नहीं हुई लेकिन अब हमें घर जाना है।

सीडब्ल्यूसी रोहतक की सदस्य कोमल खन्ना ने कहा कि दोनों किशोरियों की काउंसिलिंग हो चुकी है। हर तरह से बात की गई है। इनके फर्जी आधार कार्ड बनाकर इन्हें बालिग दिखाया गया है और फिर यहां भेजा है। इस मामले में सोमवार को कमेटी की बैठक होगी और इसके बाद ही आगे कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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