रोहतक। रोहतक की बाल संस्थाओं में शुक्रवार को हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने दौरा किया। इस दौरान आयोग अध्यक्षा प्रवीन जोशी ने जिला में बच्चों की देखभाल कर रहे संस्थाओं का दौरा कर इन संस्थाओं में बच्चों को दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने संचालकों को निर्देश देते हुए कहा कि वे बाल हित के प्रति संवेदनशील व बाल अधिकारों के प्रति जागरूक रहे।
टीम ने सर्वप्रथम जन सेवा संस्था भिवानी रोड स्थित बाल गृह का दौरा किया गया, जिसमे फिलहाल 22 विशेष बच्चे रह रहे है। उन्होंने कहा कि संस्था मे रहने वाले प्रत्येक बच्चे की आवश्यकताओं पर विशेष तौर और ध्यान दिया जाये तथा हर बच्चे की केस फाइल पर आवश्यक रूप से कार्यवाही की जाये। इसके बाद वे चौधरी लखीराम आर्य व जगन्नाथ आश्रम पहुंचे और इन संस्थाओं में रह रहे बच्चों से बातचीत की तथा उन्हें जीवन में अच्छे इंसान बनने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने संचालकों को निर्देश दिए कि वे संस्थाओं में कार्यरत स्टाफ के हर सदस्य की पुलिस जांच करवाये, संस्था में लगाये गए सभी कैमरे दुरूस्त रखें तथा संस्था में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का रिकॉर्ड दर्ज करें। इस दौरान आयोग से गणेश कुमार, सदस्य मांगेराम, महक भारद्वाज, शशिकांत व सलाहकार दिनेश शर्मा, जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा आशा आहूजा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप, बाल संरक्षण अधिकारी मोनी व अन्य स्टाफगण मौजूद रहा।
विशेष बच्चों को बाल शोषण बारे किया गया जागरूक
स्थानीय जिला बाल संरक्षण इकाई की तरफ से स्थानीय अर्पण मानसिक दिव्यांग बाल संस्थान में विशेष बच्चों को बाल अधिकारों, पोक्सो एक्ट, बाल विवाह, चाइल्ड हैल्पलाइन 1098, डायल 112 के बारे में जागरूक किया गया। परिवीक्षा अधिकारी संतोष कुमारी ने पोक्सो एक्ट के बारे में विस्तार से बताया तथा जागरूकता शिविर में बच्चो को डेमो के माध्यम से गुड टच व बैड टच के बारे में समझाया।
उन्होंने कहा कि नाबालिग बच्चों को यदि कोई गलत नजर से देखता है तो तुरंत टीचर या माता-पिता को यह बात बतानी चाहिए ताकि आने वाली किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी स्थिति में फसने पर बच्चो को डरना नहीं चाहिए बल्कि ना कहकर या चिल्लाकर व उसे काटकर अपना बचाव करना चाहिए। आपके आस पास व घर में अपने से छोटे बच्चों को भी इस विषय में जागरूक करने का प्रयास करें ताकि बच्चो को अप्रिय घटना से बचाया जा सके। उन्होंने बाल अधिकार, बाल विवाह व डायल 112 के बारे में व इसे इस्तेमाल करने की जानकारी दी। कोई भी बच्चा 112 पर कॉल करके भी मदद ले सकता है। यह आपातकालीन सेवा है, जो 24 घंटे काम करती है।