Friday, November 22, 2024
Homeधर्मनवरात्रि में अष्टमी क्यों होती है इतनी महत्वपूर्ण

नवरात्रि में अष्टमी क्यों होती है इतनी महत्वपूर्ण

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि चल रहे हैं. इन नौ दिनों तक मां देवी के नौ स्वरुपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि  का हर दिन खास होता है लेकिन अष्टमी तिथि का महत्व सबसे अधिक होता है. मान्यता है कि जो फल पूरे नवरात्रि में पूजा करने से मिलता है वह दुर्गा अष्टमी पर व्रत-पूजन करने से भी प्राप्त हो जाता है, तभी इसे महाष्टमी कहा जाता है. चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 16 अप्रैल 2024 को पड़ रही है.

नवरात्रि में अष्टमी क्यों होती है खास 

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार,  अष्टमी तिथि पर संधि काल (अष्टमी समाप्त होने के अंतिम 24 मिनट और नवमी तिथि के शुरुआती 24 मिनट) में देवी दुर्गा ने प्रकट होकर असुर चंड और मुंड का संहार कर संसार की रक्षा की थी. ये तिथि बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है. इसलिए चैत्र और शारदीय नवरात्रि की महाष्टमी पर देवी की विशेष पूजा की जाती है. यह तिथि परम कल्याणकारी, पवित्र, सुख और धर्म की वृद्धि करने वाली मानी गई है.

अधिकांश घरों में अष्टमी तिथि पर कुल देवी की पूजा की जाती है. कहते हैं इंसान ही नहीं  बल्कि देव, दानव, राक्षस, गंधर्व, नाग, यक्ष, किन्नर आदि सभी नवरात्रि पर अष्टमी-नवमी को ही पूजते हैं.

महाअष्टमी व्रत का क्या है महत्व

नवरात्रि में यदि आप पूरे नौ दिनों तक व्रत नहीं कर पाये तो महाअष्टमी का व्रत कर सकते हैं. महाअष्टमी का व्रत करने का फल  दुर्गाष्टमी पर व्रत करने वालों को नौ दिन की पूजा के समान फल प्राप्त होता है. महाअष्टमी पर  माता की आठवीं शक्ति मां महागौरी का पूजन होता है, इन्हें अन्नपूर्णा का रूप भी माना गया है.

इन चीजों को ना करें ग्रहण

महाअष्टमी पर मां को नारियल का भोग लगाया जाता है, इस दिन नारियल खाना निषेध है, मान्यता है ऐसा करने पर बुद्धि का नाश होता है. कद्दू और लौकी भी ग्रहण नहीं किया जाता क्योंकि कई जगह इस दिन कद्दू, ककड़ी, लौकी की बलि चढ़ाई जाती है.

 

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -

Most Popular