Saturday, November 23, 2024
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हरियाणा सरकार ने किसानों को दिया विशेष तोहफा , नहरों का आबियाना किया खत्म

चंडीगढ़।हरियाणा के किसानों के लिए मनोहर सरकार का बड़ा ऐतिहासिक फैसला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार मनोहर सरकार ने नहरी पानी पर किसानों द्वारा दिए जाने वाले आबियाने को हटा दिया है। पिछले साढ़े 9 सालों में हरियाणा के किसानों के हितों व उनके कल्याण के प्रति वचनबद्धता का परिचय देते हुए मनोहर सरकार ने नित नई-नई योजनाएं चलाकर किसानों का उत्थान किया है। एक बार फिर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों के हितों में बड़ा ऐतिहासिक फैसला लेते हुए ब्रिटिश शासन के समय से किसानों को नहरी पानी की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला आबियाना समाप्त करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2024-25 के बजट में बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि 1 अप्रैल, 2024 से नहरी पानी की आपूर्ति पर प्रदेश में किसानों से लिया जाने वाला आबियाना बंद किया जाएगा। इससे किसानों को बड़ा लाभ होगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से 4299 गांवों के किसानों को 140 करोड़ रुपये का एकमुश्त लाभ होगा। साथ ही, 54 करोड़ रुपये की वार्षिक राहत भी मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा के इतिहास में आज तक कभी भी आबियाना को खत्म नहीं किया गया है। साल दर साल यह आबियाना चलता आ रहा था। पहली बार मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने आबियाना बंद करने का कदम उठाया है। इस एतिहासिक फैसले से सरकार ने ब्रिटिश शासन से चली आ रही परंपरा को खत्म करते हुए किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का काम किया है।

वित्त वर्ष 2022-23 के अनुसार, प्रमुख जिलों की सूची में जिला हिसार में 349 गांवों के 31.23 करोड़ रुपये का आबियाना बकाया है। इसी प्रकार, कैथल के 320 गांवों के 19.90 करोड़ रुपये, भिवानी के 417 गांवों के 17.13 करोड़ रुपये, सिरसा के 395 गांवों के 12.48 करोड़ रुपये, झज्जर के 157 गांवों के 6.94 करोड़ रुपये, चरखी दादरी के 229 गांवों के 6.09 करोड़ रुपये और नूहं के 171 गांवों के 5.98 करोड़ रुपये का आबियाना बकाया है। सरकार के फैसले से अब इन गांवों के किसानों को आबियाना नहीं देना होगा।

सिंचाई के लिए 16,932 आउटलेट निर्धारित हैं और आबियाना की इस बकाया राशि के अंतर्गत लगभग 24.11 लाख हेक्टेयर भूमि आती है, जिसमें रबी फसलों के तहत 12.19 लाख हेक्टेयर और खरीफ फसलों के तहत 11.92 लाख हेक्टेयर भूमि शामिल है। आबियाना खत्म होने से अब किसानों को सीधे तौर पर लगभग 140 करोड़ रुपये का लाभ होगा।

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