Sunday, November 24, 2024
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सत्यपाल मलिक के घर-दफ्तर पर CBI का छापा, J&K में भी 30 ठिकानों पर रेड, जानिए पूरा मामला

सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि उन्हें राज्य का गवर्नर रहते (तब जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश नहीं बना था) परियोजना से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। बता दें कि वह 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल के यहां सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) द्वारा आज सुबह ताबड़तोड़ छापेमारी की गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को 30 स्थानों पर रेड मारी है। इसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का घर समेत अन्य ठिकाने शामिल हैं। सीबीआई ने यह छापेमारी किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर प्रस्तावित कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 2019 में 2200 करोड़ रुपये के सिविल वर्क का कॉन्ट्रैक्ट देने में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में की है।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में गुरुवार सुबह से मलिक के यहां कार्रवाई चल रही है। अधिकारियों ने कहा कि यह मामला किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (HEP) के 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों को आवंटित करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। सीबीआई ने पिछले महीने भी इस केस में दिल्ली और जम्मू कश्मीर में करीब 8 जगहों पर छापा मारा था। इस दौरान 21 लाख रुपए की नकदी के अलावा डिजिटल उपकरण, कंप्यूटर, संपत्ति दस्तावेज सीबीआई ने बरामद किए थे। इससे पहले बीमा घोटाले में सीबीआई सत्यपाल मलिक के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। बीमा घोटाले के मामले में सीबीआई सत्यपाल मलिक और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापा मार चुकी है।

सत्यपाल ने 300 करोड़ रिश्वत की पेशकश का किया था दावा

सत्यपाल मलिक 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्य किया था। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें गवर्नर रहते हुए 624-मेगावाट से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी। किरू परियोजना, किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर एक रन-ऑफ-रिवर योजना है।

इन अफसरों पर दर्ज हुआ था मामला

सीबीआई ने चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी के खिलाफ केस दर्ज किया था। चौधरी 1994 बैच के जम्मू कश्मीर कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उनके अलावा पूर्व अधिकारियों एमएस बाबू, एमके मित्तल, अरुण कुमार मिश्रा और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।

एक्स पर सत्यपाल मलिक ने लिखी पोस्ट

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पिछले 3-4 दिनों से मैं बीमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं। इसके वावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाएं जा रहें हैं। मेरे ड्राइवर, मेरे साहयक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है। में किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं। मैं किसानों के साथ हूं।

किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के क्या हैं आरोप?

यह आरोप है कि कीरू जलविद्युत परियोजना से संबंधित सिविल कार्यों के आवंटन में, ई-टेंडरिंग के संबंध में दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया। यह भी आरोप लगाया गया कि सीवीपीपीपीएल की 47वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया था कि रिवर्स ऑक्शनिंग के साथ ई-टेंडरिंग के माध्यम फिर से क्रॉन्ट्रैक्ट आवंटित किया जाएगा। लेकिन चल रही निविदा प्रक्रिया को रद्द करने के बाद, इसे लागू नहीं किया गया और सीवीपीपीपीएल की 48वीं बोर्ड बैठक में पिछली मीटिंग के निर्णय को उलट दिया गया।

सत्यपाल मलिक के पूर्व प्रेस सचिव के यहां भी पड़ चुकी है रेड

सीबीआई ने इस केस के सिलसिले में गत दिनों जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के प्रेस सचिव रहे सुनक बाली के दिल्ली स्थित ठिकानों पर रेड डाली थी। दक्षिणी दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी और वेस्ट एंड में उनके परिसरों पर छापे मारे गए थे। सीबीआई के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, धन की हेराफेरी के मामले में बाली मुख्य संदिग्ध हैं। हालांकि, मलिक ने अपने पूर्व सहयोगी का बचाव किया था। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा था, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीबीआई इस मामले में भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले को ही परेशान कर रही है। जब मैं जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल था, तो वह मेरे प्रेस सलाहकार थे और इस कार्य के लिए कोई सरकारी वेतन नहीं लेते थे’।

कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट क्या है?

कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (624 मेगावाट) जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित चिनाब नदी पर प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 7 मार्च 2019 को चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) द्वारा कीरू पनबिजली परियोजना (624 मेगावाट) के निर्माण के लिए निवेश को मंजूरी दी थी। इस परियोजना को पूरा करने में 4287.59 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी।इसके निर्माण की जिम्मेदारी चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) नाम की कंपनी के पास है, जो एनएचपीसी, जम्मू-कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (JKSPDC) और पीटीसी (PTC) का एक जॉइंट वेंचर है।

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