Friday, November 22, 2024
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जाट अखाड़ा हत्याकांड का फैसला 23 को, परिजनों ने मांगी फांसी, आरोपी रो कर मांग रहा रहम

रोहतक। रोहतक के चर्चित जाट अखाड़ा हत्याकांड में बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने 23 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया। दोनों पक्षों के बीच सजा पर 45 मिनट तक बहस चली। पीड़ित पक्ष ने अदालत से दोषी कोच सुखविंदर को फांसी की सजा देने की मांग की। वहीं, आरोपी सुखविंदर ने रहम की मांग की। पीड़ित पक्ष ने अदालत से मांग की कि क्रूरता से छह लोगों की हत्या की गई। केस को अति गंभीर अपराध की श्रेणी में मानते हुए दोषी कोच सुखविंदर को फांसी की सजा दी जाए। जबकि सुखविंदर ने वकील के माध्यम से दया याचिका दायर करते हुए रहम की मांग की। कहा, उसके माता-पिता बुजुर्ग हैं। साथ ही सात साल का बेटा है। पत्नी से तलाक हो चुका है। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस के बाद 23 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया।

पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने दिया था दोषी करार

आज की बहस में पीड़ित पक्ष के वकील जय हुड्‌डा ने कोर्ट से आरोपियों को फांसी की सजा सुनाने की पैरवी की गई। कहा गया कि आरोपी ने जितनी बेरहमी से गुनाह किया है, वह रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस की श्रेणी में आता है। उसने 7 लोगों को गोली मारी थी, जिनमें से 6 की मौत हो गई। इनमें, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। वहीं, आरोपी कोच सुखविंदर के वकील ने कोर्ट में दया याचिका दायर करते हुए रहम की मांग की। दलील में कहा गया कि आरोपी के माता-पिता बुजुर्ग हैं। उसका एक 7 साल का बेटा है। पत्नी से तलाक हो चुका है। इसलिए, कोर्ट सजा सुनाने में नरमी दिखाए। अब केस का फैसला 23 फरवरी को होगा। इससे पहले 19 फरवरी को दोनों आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया था।

पीड़ित पक्ष द्वारा दोनों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए अपील की गई है। दोषी करार दिए गए दोनों आरोपियों में गोलियां मारकर कत्ल करने वाला कोच और उसे हथियार सप्लाई करने वाला शामिल है। रोहतक में ASJ डॉ. गगनगीत कौर की कोर्ट द्वारा इस मामले में सजा सुनाई जाएगी। जाट कॉलेज अखाड़ा में 12 फरवरी 2021 को 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में दोषी करार दिए आरोपियों में सोनीपत जिले के बरोदा का रहने वाला कुश्ती कोच सुखविंदर और उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर के गांव राजपुर छाजपुर का रहने वाला पूर्व फौजी मनोज है।

12 फरवरी 2021 को हुआ था हत्याकांड

पीड़ित पक्ष के एडवोकेट जय हुड्डा ने बताया कि जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड 12 फरवरी 2021 को हुआ था। उस दिन 7 लोगों को गोली मारी गई थी। मुख्य कोच मनोज मलिक, उनकी पत्नी साक्षी मलिक, गांव मांडोठी निवासी कोच सतीश, गांव मोखरा निवासी प्रदीप व महिला पहलवान यूपी के मथुरा निवासी पूजा तोमर की मौके पर ही मौत हो गई थी।

मनोज के बेटे करीब 2 वर्षीय सरताज ने बाद में दम तोड़ दिया था। अखाड़े के बाहर गोली लगने से घायल हुए निडाना निवासी अमरजीत को गंभीर हालत में गुरुग्राम ले जाया गया था। यहां उनकी जान बच गई थी। तभी से जिला अदालत में केस की सुनवाई चल रही थी। पीड़ित पक्ष के वकील जय हुड्डा ने बताया कि सुखविंदर व मनोज दोनों को कोर्ट ने दोषी करार दे रखा है। अब उन्हें सजा सुनाई जाएगी।

हत्याकांड के पीछे यह थीं वजहें

1. मनोज-साक्षी ने आरोपी कोच को अखाड़े में आने से रोका था

जाट कॉलेज अखाड़ा के सीनियर कोच मनोज मलिक ने आरोपी कोच सुखविंदर को उसके खिलाफ मिल रही शिकायतों के कारण अखाड़े में आने से मना किया था। मनोज मलिक जाट कॉलेज में डीपी के पद पर कार्यरत थे। कॉलेज के पीछे बना अखाड़ा भी मनोज की देखरेख में चलता था। इसी अखाड़े में सुखविंदर भी कोचिंग देता था। वारदात के करीब ढाई माह पहले (दिसंबर 2020 में) कुछ महिला खिलाड़ियों ने मनोज से सुखविंदर की शिकायत की थी।

शिकायत मिलने के बाद मनोज ने सुखविंदर को मना कर दिया था कि वह कोचिंग देने अखाड़े में न आए। इसी रंजिश के चलते मनोज और साक्षी की हत्या की गई थी। इनके 2 साल के बेटे सरताज की किसी के सा‌थ कोई दुश्मनी नहीं थी। लेकिन, उसके सिर में भी गोली मारी गई थी, जो आंख से आर-पार हो गई थी। सरताज 4 दिन तक अपनी जिंदगी की लड़ाई लड़ता-लड़ता दम तोड़ गया था।

2. प्रदीप मलिक की सतीश से नजदीकियां खटकी

गांव मोखरा का रहने वाला प्रदीप मलिक अखाड़े में कभी-कभी कोचिंग देने के लिए आता था। वह रेलवे में टीटी था और समय मिलने पर अखाड़े में आता था। पहले इसी अखाड़े में सुखविंदर ने उसे ट्रेनिंग दी थी। लेकिन कुछ समय से प्रदीप और दूसरे कोच सतीश में नजदीकियां बढ़ गई थीं और सुखविंदर की अनदेखी शुरू हो गई थी।

3. कोच सतीश दलाल से रखता था मनमुटाव

कोच सतीश दलाल गांव मांडोठी का रहने वाला था। इसी अखाड़े में वह सुखविंदर के साथ कोचिंग देता था, लेकिन कुश्ती के अच्छे खिलाड़ी सतीश को अहमियत देने लगे थे। सुखविंदर से कोचिंग लेने से कतराने लगे थे। इस वजह से खिलाड़ियों को लेकर दोनों के बीच आपसी मनमुटाव भी था।

4. खिलाड़ी पूजा तोमर ने की थी शिकायत

मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा की रहने वाली पहलवान पूजा तोमर ने दंगल फिल्म देखकर हरियाणा के रोहतक से कुश्ती सीखने का फैसला लिया था। जिसके बाद वह जाट अखाड़ा में ट्रेनिंग लेने लगी। यहां पर आरोपी सुखविंदर उसे परेशान करता था। जिसकी शिकायत पूजा ने सीनियर कोच मनोज को दी थी। इसी शिकायत पर मनोज व साक्षी ने सुखविंदर को अखाड़े में आने से रोक दिया था।

5. अमरजीत के कोच बनने से रखता था रंजिश

अमरजीत मेहर सिंह अखाड़े में कोचिंग देत‌े थे। इनसे पहले यहां सुखविंदर प्रैक्टिस करवाता था। शिकायत मिलने के बाद सुखविंदर को हटा दिया गया था और अमरजीत कोचिंग देने लगे थे। सुखविंदर ने अमरजीत को अखाड़े में कोच बनने से मना किया था, लेकिन अमरजीत नहीं माना। यही रंजिश उसके मन में पल रही थी।

वारदात वाली शाम सुखविंदर ने अमरजीत को मेहर सिंह अखाड़े से फोन करके बुलाया था और उसे गोली मार दी थी। गोली मुंह से आर-पार हो गई थी। करीब 10 दिन के इलाज के बाद वह सकुशल घर लौट गए थे।

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