Bharat Band, देश के किसान एक बार फिर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून और अन्य मांगों को लेकर हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली चलो मार्च के तहत दिल्ली कूच करने पर अड़े हैं। जिसके तहत हरियाणा के अंबाला में शंभू बॉर्डर पर किसानों और जवानों के बीच तनाव का माहौल है। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी 2024 यानी आज भारत बंद का ऐलान किया है। एसकेएम अन्य किसान संगठनों के साथ मिलकर देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगा।
आपको बता दें कि किसानों के इस दिल्ली चलो मार्च में संयुक्त किसान मोर्चा शामिल नहीं है. बल्कि इस आंदोलन का नेतृत्व किसान मजदूर मोर्चा कर रहा है। हालांकि पहले केएमएम संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा था, लेकिन 2020-21 में कृषि कानूनों पर आंदोलन के बाद केएमएम संगठन अलग हो गया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 16 फरवरी को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक ग्रामीण बंद रहेगा। इस बीच गांवों में खेती, ग्रामीण कामकाज और मनरेगा जैसी सभी गतिविधियां बंद रहेंगी। किसान न तो खेतों में जाएगा और न ही मजदूरी करेगा। एसकेएम ने घोषणा की है कि किसान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में सड़कें अवरुद्ध करेंगे और रेल लाइनें भी अवरुद्ध की जाएंगी।
एसकेएम की मांग है कि सरकार एमएसपी पर गारंटी कानून बनाये। इसके अलावा सरकार ने किसानों के लिए पेंशन, पुरानी फसल योजना, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के निजीकरण और रोजगार गारंटी पर कानून बनाए। हरियाणा और पंजाब के किसान भी यही मांग कर रहे हैं, जिसके चलते दिल्ली चलो मार्च निकाला जा रहा है।
एसकेएम ने कहा है कि ‘ग्रामीण इलाकों में सभी सरकारी संस्थान 16 फरवरी 2024 को बंद रहेंगे। प्राइवेट कंपनियां बंद रहेंगी. सब्जियों, फलों और अन्य वस्तुओं की आपूर्ति, खरीद और बिक्री पर भी प्रतिबंध रहेगा। सब्जी मंडियां, अनाज मंडियां और सरकारी व गैर सरकारी संस्थान व कार्यालय बंद रखे जायेंगे।
शहरों में दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रखे जाएंगे. इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि आपातकालीन सेवाओं, एम्बुलेंस, समाचार पत्र वितरण, विवाह समारोह, मेडिकल स्टोर, बोर्ड परीक्षाओं पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। छात्र परीक्षा देने जा सकेंगे।