हरियाणा।हरियाणा में किसानों के प्रदर्शन को लेकर खट्टर सरकार सख्त हो गयी है। कल किसान संगठन और सरकार के बीच हुई वार्ता का परिणाम विफल रहा जिसके बाद आज किसान भारी संख्या में दिल्ली की तरफ कूच करने वाले हैं। पुलिस प्रशाशन ने इसको लेकर पहले ही पूरी तैयारी क़र ली थी लेकिन पिछली बार जैसा संहार न इसके सरकार ने सख्त चेतावनी दे दी है।
मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार के गृह विभाग ने नागरिक प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को सार्वजनिक या निजी संपत्ति को होने वाले नुकसान के मामले में संपत्ति क्षति वसूली कानून 2021 में निर्धारित किए गए नियमों का पालन करने का निर्देश दिया। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो’ मार्च की घोषणा की है। इस बीच अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) टीवीएसएन प्रसाद ने नागरिक और पुलिस प्रशासन को निर्देश जारी किया है।
सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को लिखे गए पत्र में प्रसाद ने कहा है कि यह सभी संबंधित लोगों के ध्यान में लाया जाए कि सार्वजनिक या निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई ऐसे कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों से की जा सकती है। टीवीएसएन प्रसाद की तरफ से सभी अधिकारियों से उपरोक्त अधिनियम और नियमों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने और गृह विभाग को कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।
पंजाब-हरियाणा की सीमाओं को किया गया सील
हरियाणा में अधिकारियों ने प्रस्तावित मार्च को विफल करने के लिए कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कील तथा कंटीले तारों का उपयोग करके अंबाला, जींद, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सिरसा में कई स्थानों पर पंजाब के साथ लगती राज्य की सीमाओं पर किलेबंदी कर दी है। इसके साथ ही हरियाणा में राज्य पुलिस के अलावा अर्द्धसैनिक बलों की कंपनियों को तैनात किया गया है। सोमवार देर शाम केंद्रींय मंत्रियों के साथ किसान संगठनों की बैठक हुई, लेकिन इस बैठक में भी कोई समाधान नहीं निकल पाया, जिस वजह से किसान 13 फरवरी यानि 10 बजे दिल्ली कूच करने को तैयार है।