गुरुग्राम। हरियाणा में DFC (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने प्रदेश में दुनिया की अनोखी सुरंग का निर्माण किया है, इसकी लंबाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक किमी. लंबी डबल डेकर मालगाड़ी इसमें समा जाए। यह सुरंग न्यू खुर्जा जंक्शन से न्यू रेवाड़ी जंक्शन पर बनी है, जिसका आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्घाटन किया है।
अरावली की पहाड़ियों पर बनी अनोखी सुरंग
यह इलेक्ट्रीफाई सुरंग हरियाणा के सोहना में अरावली की पहाड़ियों पर बनी है। न्यू खुर्जा जंक्शन से न्यू रेवाड़ी जंक्शन पर 173 किमी. लंबी ट्रैक का निर्माण हुआ है। इससे पश्चिमी और पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के बीच कनेक्टिविटी हो गयी है, जो अभी तक अलग-अलग थे। इसका फायदा मालगाड़ियों के साथ साथ यात्री गाड़ियों को भी होगा।
देश में मालगाड़ियों के लिए दो कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। ईस्टर्न और वेस्टर्न दोनों कॉरिडोर की लंबाई 2843 किमी. है। 1337 किमी. लंबा ईस्टर्न फ्रेड कॉरिडोर न्यू खुर्जा से शुरू होकर पश्चिमी बंगाल के सोननगर तक बन चुका है, वहीं 1506 किमी. लंबा वेस्टर्न कोरिडोर हरियाणा रेवाड़ी से महाराष्ट्र (अटेली से जवाहर लाल नेहरू पोर्ट, जेएनपीटी) तक निर्माण चल रहा है। इसमें से ईस्टर्न कॉरिडोर का निर्माण 100 फीसदी पूरा हो चुका है।
अभी तक दोनों लाइन आपस में कनेक्ट नहीं थी।इस वजह से एक कॉरिडोर से दूसरे पर जाने के लिए मालगाड़ियों को लंबा चक्कर लगाना पड़ता था। इसमें 15 से 20 घंटे का समय लगता था। लेकिन अब समय बचेगा, यानी माल जल्दी पहुंचेगा. इसके अलावा दोनों कॉरिडोर वाले रूट पर संचालित मालगाड़ियां डीएफसी में शिफ्ट हो जाएंगी। इससे यात्री गाड़ियों के लिए ट्रैक खाली होगा और ट्रेनें स्पीड से चल सकेंगी, जिससे आक्यूपेंसी रेट बेहतर होगा।
ये भी होगा लाभ
डीएफसी में मालगाड़ियां 100 किमी प्रति घंटे तक की गति से चल सकती हैं। रेवाड़ी से दादरी, तुगलकाबाद तक आवागमन में 20 घंटे तक की कमी आएगी। वहीं एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण में कमी आएगी। कंटेनर और आयत-निर्यात यातायात में तेजी आएगी। भारी और लंबी मालगाड़ियों का संचालन हो सकेगा।
परियोजना पर एक नजर
न्यू खुर्जा जंक्शन ये न्यू रेवाड़ी जंक्शन तक 173 किलोमीटर लम्बे विद्युतीकृत डबल लाइन सेक्शन 10,141 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस नए सेक्शन में छह स्टेशन हैं, जिनमें न्यू बोरकी, न्यू दादरी, न्यू फरीदाबाद, न्यू-पृथला, न्यू ताउरू और न्यू धारूहेड़ा शामिल हैं। यह ट्रैक उत्तर प्रदेश (बुलंदशहर और गौतम बुद्ध नगर), हरियाणा (फरीदाबाद, पलवल, गुड़गांव, मेवात और रेवाड़ी) और राजस्थान (अलवर) से गुजरा है।