Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी यानि कि कल अयोध्या राममंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह है। इस समारोह में शामिल होने के लिए देश के मशहूर विख्यात लोगों को निमंत्रण भेजा गया है। इस समारोह में अयोध्या राममंदिर के हक में फैसला लेने वाले 5 जजों को भी निमंत्रण पत्र भेजा गया है।
इन 5 जजों में वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई, पूर्व सीजेआई एस ए बोबडे, पूर्व जस्टिस अशोक भूषण और पूर्व जस्टिस एस अब्दुल नजीर का नाम शामिल है। इन्हीं जजों की बेंच ने 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था जिसके बाद राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो पाया था।
आइए जानते हैं इन दिनों ये पांचो जज कहां पर हैं और क्या कर रहे हैं ?
जस्टिस रंजन गोगोई- जस्टिस रंजन गोगोई उस बेंच में शामिल थे जिस बेंच ने साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इसके बाद साल 2019 में ही वो रिटायर हो गए। सेवानिवृत्ति के चार महीने बाद ही तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत कर दिया था।
जस्टिस अशोक भूषण- जस्टिस अशोक भूषण भी इस अयोध्या राममंदिर के पक्ष में फैसला सुनाने वाले जजों की बेंच का हिस्सा थे। साल 2021 जुलाई में वह रिटायर हो गए। रिटायर होने के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) का अध्यक्ष बना दिया।
जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़- जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ भी इस बेंच का हिस्सा थे। इन दिनों वो उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं और नवंबर 2024 तक इस पद पर रहेंगे।
जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े- जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े भी इन जजों में शामिल थे जिन्होंने अयोध्या राममंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था। 23 अप्रैल 2021 को रिटायरमेंट के बाद वह महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के चांसलर बने। अभी भी इस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एमेरिटस में उनका नाम शामिल है।