बता दें कि अमृतपाल की सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नहीं होने पर हाल ही में विवाद खड़ा हो गया था और राजनीतिक दलों ने इस मामले पर हैरानी जताई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की नीति के अनुसार दिवंगत अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
हालांकि, सेना ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा था कि चूंकि अमृतपाल सिंह की मौत का कारण खुद को मारी गई गोली थी, इसलिए मौजूदा नियमों के अनुसार न तो कोई गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और न ही सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया ।
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पुंछ सेक्टर में सेना की जम्मू-कश्मीर राइफल्स इकाई की एक बटालियन में तैनात सिंह का शुक्रवार को पंजाब के मनसा जिले में स्थित उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस मामले पर केंद्र सरकार के सामने आवाज उठाएगी।
मान ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सेना ने अमृतपाल का शव निजी एंबुलेंस से भेजा। मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि सेना ने अमृतपाल की सैन्य अंत्येष्टि क्यों नहीं की। उन्होंने कहा, ‘क्यों नहीं? आप ने उसे वर्दी दी और वह देश का शहीद है।’
Punjab, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 11 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में दिवंगत अग्निवीर अमृतपाल सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ नहीं दिए जाने पर दुख जताया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह सेना के अधिकारियों के समक्ष इस मसले को उठाएंगे।