Tuesday, December 10, 2024
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चुनाव में मिली हार के बाद इनेलो का बड़ा फैसला, संगठन किया भंग, चार प्रस्ताव किए पास

Haryana News : चंडीगढ़ स्थित जाट भवन में इनेलो की राष्ट्रीय/राज्य कार्यकारिणी की  शनिवार को बैठक की गई जिसमें हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार पर मंथन किया गया तथा बैठक में पहुंचे पदाधिकारियों एवं विधानसभा का चुनाव लड़े उम्मीदवारों ने हार के कारणों पर खुलकर अपनी बातों को रखा।

बैठक की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओम प्रकाश चौटाला ने की। इस बैठक में प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा, आरएस चौधरी, महेंद्र सिंह मलिक, प्रकाश भारती, अदित्य देवीलाल और अर्जुन चौटाला भी मौजूद रहे। बैठक में कानून व्यवस्था, पराली जलाने, बढ़ रहे डेंगू और विधानसभा के लिए बदले में दी गई जमीन का विरोध करने जैसे मुद्दों पर प्रस्ताव पास किए गए। पार्टी संगठन का पुनर्गठन किया जाएगा जिसके लिए संगठन को भंग किया गया।

प्रेस वार्ता के दौरान इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने बताया कि विधानसभा चुनाव में आम चर्चा थी कि हम 15 से 20 सीटें जीतने जा रहे थे। लेकिन आखिरी के दो दिनों में अचानक बड़ा फेर बदल हुआ। हमे उम्मीद थी कि बसपा और इनेलो तीसरी ताकत उभर कर आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ उसके क्या कारण रहे। ऐसे में चुनाव में पार्टी के नेताओं की क्या भूमिका रही। साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए राय ली गई। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी की यह राय है कि पार्टी के संगठन में नए लोगों को अहम भूमिका देनी चाहिए। साथ ही सभी पदों पर 4 साल के बाद उम्मीदवार का बदलाव किया जाना चाहिए ताकि नए साथी पार्टी से जुड़ सकें। उन्होंने सभी निर्णय लेने के लिए चौ. ओपी चौटाला को अधिकृत करने के लिए प्रस्ताव रखा ताकि बदलाव किया जा सके। साथ ही पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए वे फिर से किसानों के बीच में जाएंगे।

अभय सिंह चौटाला ने बताया कि अब प्रदेश की जनता पूरी तरह से यह जान चुकी है कि जो भूपेंद्र हुड्डा हमें बीजेपी की बी टीम कहते थे, वही भाजपा को सत्ता में लेके आए हैं। भूपेंद्र हुड्डा को डर था कि यदि इनेलो सत्ता में आ गई तो उसके लिए मुश्किल समय शुरू हो जाएगा।

नई विधानसभा बनाने पर भूपेंद्र हुड्डा द्वारा 60-40 के रेशो वाले बयान पर कहा कि हुड्डा को चंडीगढ़ के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। चंडीगढ़ हरियाणा का है। शाह आयोग की रिपोर्ट में साफ साफ लिखा था कि या तो चंडीगढ़ या फिर 107 हिन्दी भाषी गांव हरियाणा को दिए जाएं। राजीव लोंगोवाल समझौते में भी यह साफ लिखा हुआ था। हरियाणा को बचाने के लिए किसी ने सबसे बड़ा संघर्ष किया तो चौधरी देवी लाल ने किया। एसवाइएल पर भी अगर किसी ने लड़ाई लड़ी तो इनेलो ने लड़ी। हम किसी भी कीमत पर चंडीगढ़ पंजाब को नहीं जाने देंगे। यदि चंडीगढ़ चाहिए तो 107 हिंदी भाषी गांव हरियाणा में जोड़े जाए। मुख्यमंत्री नायब सैनी अगर यह कहे कि जमीन के बदले जमीन लेंगे तो इसका हम विरोध करते हैं। यह बीजेपी सरकार की कमजोरी है कि वह जमीन के एवज में जमीन दे रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा का मामला आगे नहीं बढ़ेगा और यह सिर्फ खबरों और विवादों तक ही सीमित रहेगा। आगे विधानसभा सीट बढ़ने पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उसके लिए मौजूदा हरियाणा विधानसभा में ही एक्सटेंशन किया जाए।

पराली को लेकर किसानों को परेशान किया जा रहा

यह सरकार किसानों की सबसे बड़ी विरोधी है। पराली को लेकर किसानों को परेशान किया जा रहा है। सच्चाई यह है कि पराली जलाने से मात्र 3 प्रतिशत प्रदूषण होता है बाकी 97 प्रतिशत प्रदूषण कारखानों और वाहनों से होता है। किसानों पर जुर्माना लगाने की बजाय सरकार को कारखानों और वाहनों पर लगाम लगानी चाहिए। बीजेपी द्वारा विधानसभा चुनाव मे किए गए वादों पर कहा कि बीजेपी ने 2 लाख रोजगार देने, 2100 रुपए प्रति माह महिलाओं को देने, अग्निविरो को रोजगार की गारंटी देने की बात कही थी लेकिन अब इनमें से बीजेपी एक बात पर भी नहीं बोल रही है। कौशल रोजगार निगम द्वारा सवा लाख नौकरी देने पर पूछे गए सवाल पर कहा कि बीजेपी सरकार निगम में कार्यरत कर्मियों की तनख्वाह स्थाई कर्मचारियों की तरह फिक्स क्यों नहीं करते? उनको परमानेंट क्यों नहीं करते? इनकी प्रमोशन और इंक्रीमेंट की बात क्यों नहीं करती सरकार।

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