उन्होंने कहा, लेकिन मैं राज्यपाल साहब को बताना चाहता हूं कि (आगामी) सत्र वैध है और इसमें महत्वपूर्ण विधेयक आएंगे, जो पंजाब सरकार और राज्य के लोगों से संबंधित हैं। मुझे लगता है कि राज्यपाल साहब को पंजाब विधेयक पर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
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यह पूछे जाने पर कि राज्यपाल ने पहले ही 19-20 जून के सत्र को अवैध करार दिया था और उस सत्र में पारित चार विधेयकों पर कोई सहमति नहीं दी थी, चीमा ने जवाब दिया कि राज्य सरकार को अभी तक पुरोहित से कोई पत्र नहीं मिला है, जिसमें यह बताया गया हो कि उन्होंने उन विधेयकों पर अपनी सहमति दी है या नहीं।
चीमा ने कहा, हालांकि, मैं समझता हूं कि विधानसभा राज्य और इसके कल्याण के लिए कानून पारित करने के वास्ते बनाई गई है। उन्होंने कहा, और मुझे लगता है कि राज्यपाल साहब (विधेयकों पर) अपनी सहमति दे देंगे। इस साल यह दूसरी बार है जब विधानसभा की बैठक बुलाने को लेकर आप सरकार और राजभवन के बीच विवाद पैदा हुआ है और ताजा घटनाक्रम से इसके और बढ़ने की संभावना है।
Punjab, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को अपना कानूनी सलाहकार बदलने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा के आगामी सत्र में कुछ भी गैर-कानूनी नहीं है। बता दें कि राज्यपाल सचिवालय से यह टिप्पणी आई थी कि 20 और 21 अक्टूबर को आहूत किया गया सत्र अवैध है और इस सत्र का कोई भी विधायी कार्य ‘गैरकानूनी’ होगा। इस सत्र को बजट सत्र के विस्तार के रूप में पेश किया जा रहा है।
वित्त मंत्री ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर कटाक्ष करते हुए कहा, उन्हें अपना कानूनी सलाहकार बदलना चाहिए।राज्यपाल कार्यालय की प्रतिक्रिया भगवंत मान सरकार द्वारा पंजाब विधानसभा का दो-दिवसीय सत्र आहूत किये जाने के कुछ दिनों बाद आई। चीमा ने यहां पत्रकारों से कहा कि शनिवार को यहां हुई कैबिनेट की बैठक में राज्यपाल सचिवालय के पत्र पर कोई चर्चा नहीं हुई।