अन्नु हुड्डा
नारनौल। प्रसव पीड़ा से करहाती महिला के लिए एंबुलेंस में सवार ईएमटी और चालक महिला के लिए दूत बनकर सामने आए। नारनौल में गर्भवती महिला सोनिया को जब डिलीवरी हेतु एम्बुलेंस में नागरिक अस्पताल ले जाया जा रहा था तो रस्ते में सोनिया को असहनीय प्रसव पीड़ा होने लगी। आधे रस्ते में पहुंचने के बाद महिला की हालत और भी ज्यादा बिगड़ने लगी जिसके कारण ईएमटी गौरव व चालक कृष्ण कुमार को रस्ते में ही गर्भवती महिला की एम्बुलेंस में डिलीवरी करनी पड़ी। बाद में EMT और ड्राइवर ने सुरक्षित डिलीवरी करवाई जिसके बाद महिला और बच्चे को निजी अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल मां और बच्चा दोनों स्वस्थ और सुरक्षित है।
जानकारी के अनुसार नारनौल के नागरिक अस्पताल की एंबुलेंस कंट्रोल रूम में सोमवार सुबह 9:45 बजे शहर के नजदीकी गांव धरसूं से डिलीवरी केस हेतु एक कॉल आयी। जानकारी मिलते ही अस्पताल के फ्लीट मैनेजर उमेश कुमार ने उसी वक्त एम्बुलेंस गाड़ी नंबर एचआर- 66 – बी-8406 को गांव धरसूं भेजा जिसमें ड्राइवर कृष्ण कुमार व ईएमटी गौरव को सवार थे। कुछ समय बाद ही एम्बुलेंस की गाड़ी गांव के बस स्टैंड पर पहुंच गयी जिसके बाद गर्भवती महिला के परिवार वाले गाड़ी को घर लेकर गए जहां से सोनिया को एंबुलेंस गाड़ी में बैठाया गया। गर्भवती महिला सोनिया के साथ उसकी सास भी गाड़ी में बैठ गई।
एम्बुलेंस नारनौल शहर में पहुंची भी नहीं थी की रस्ते में ही गर्भवती महिला को असहनीय प्रसव पीड़ा का दर्द होने लगा। धीरे धीरे महिला का दर्द इतना बढ़ गया की उसकी और भी ज्यादा हालत बिगड़ने लगी। बिगड़ती हालत को देखते हुए एम्बुलेंस में सवार EMT ने मामले को भांप लिया की इमरजेंसी में डिलीवरी करवानी पड़ेगी। जिसके बाद एम्बुलेंस को बीच रास्ते में ही रोका गया और महिला की सास की मौजूदगी में ईएमटी गौरव व चालक कृष्ण कुमार ने गर्भवती की डिलीवरी करवाई। डिलीवरी के बाद जच्चा व बच्चा को सुरक्षित नागरिक अस्पताल में लाया गया और चिकित्सकों ने उपचार शुरू किया। बताया जा रहा की अब माँ और बच्चा दोनों बिलकुल ठीक हैं।
परिवार वालो के अनुसार ईएमटी और एम्बुलेंस चालक के कारण ही माँ और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं और इनके कारण ही सुरक्षित डिलीवरी हो पाई। सभी परिवार वाले ईएमटी गौरव व चालक कृष्ण कुमार का बार-बार धन्यवाद कर रहे तो वहीं अस्पताल वाले दोनों के इस सरहानीय कार्य की तारीफ कर रहे हैं।