रोहतक। PGI रोहतक में आज बुधवार दोपहर को गांव चमारिया निवासी भारतीय सेना के जवान मोहित के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। कल सुबह भाई के बेटे को स्कूल छोड़ने जाते समय तीन हमलावरों ने बेरहमी से उसकी गोली मार कर हत्या कर दी थी। वहीं मोहित के मर्डर के बाद परिवार वाले न्याय की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। इसलिए कल पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। सदर पुलिस ने एक नामजद सहित 3 के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई।
जवान मोहित की परिवार में पहली हत्या नहीं हुई है। पिछले दस साल में परिवार में यह तीसरी हत्या की गई है। तीनों हत्याओं में एक ही व्यक्ति नामजद है जो हर बार जमानत पर बाहर आता है और एक कत्ल करता है। हत्याओं का सिलसिला पिछले करीब 10 साल से जारी है। मृतक जवान मोहित के चाचा मंजीत की हत्या करीब 10 साल पहले गांव के एक युवक संदीप ने की थी।
उस मामले में पुलिस ने जांच की और संदीप को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसमें संदीप को 3 माह तक बेल नहीं मिली। इससे उसे जेल में ही रहना पड़ा। संदीप जब बेल पर गांव आया तो उसकी पत्नी उसे छोड़कर जा चुकी थी । छोटा भाई मोनू भी जिला सोनीपत के गांव गरोड में मामा के घर जाकर रहने लगा था। इससे संदीप के घर पर ताला लग गया। यहीं से संदीप मोहित के परिवार से रंजिश मानने लगा था।
मंजीत की हत्या के मामले में जमानत पर आने के बाद आरोपी ने ऐलान किया था कि जिस तरह उसके घर में ताला लग गया है। उसी तरह वह मोहित के घर में भी ताला लगवा देगा। इसके बाद एक के बाद एक हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया। मंजीत की मौत के 7 साल बाद 16 जून 2020 को मोहित के पिता भूप सिंह की गांव में ही गोली मारकर हत्या की गई थी। इस दौरान बदमाशों ने उन्हें 5 गोलियां मारी थीं। पहली गोली लगने के बाद भूप सिंह बदमाशों से बचने के लिए गली के एक घर में घुस गए थे। लेकिन, पीछे से आए बदमाश की भी घर में घुसे और उनकी हत्या कर दी। हत्या की बाद बदमाशों ने तीन राउंड हवाई फायरिंग भी की थी।
गांव में ऐलान किया था कि इस हत्या में संदीप का हाथ है। कोई और इसमें शामिल न हो । भूप सिंह मंजीत की हत्या में गवाह थे। उन्हें कुछ दिन बाद मंजीत के केस में गवाही देनी थी। इससे पहले की वह गवाही देते उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद मंगलवार को चमारिया गांव के सरकारी स्कूल के पास घेर कर मोहित को उस समय गोली मार दी जब वह अपने भतीजे को स्कूल छोड़कर आ रहा था। मोहित को पिता की हत्या के केस में 10 अगस्त को कोर्ट में गवाही देनी थी।
इसे विडंबना समझे या बदमाशों की रणनीति 3 साल पहले जिस सरकारी स्कूल के पास भूप सिंह को बदमाशों ने पांच गोलियां मारी थी। उसी सरकारी स्कूल के पास उसके बेटे मोहित को भी कनपटी पर गोली मार दी गई। दोनों की हत्या का प्वाइंट सरकारी स्कूल के इर्द गिर्द ही रहा। मोहित अविवाहित था। उसका बड़ा भाई भी आर्मी में है और उसका एक बेटा है। गांव में मोहित की मां, भाभी और भतीजा रहता है। बाकी चाचा कुलदीप का परिवार अलग रहता है। पिछले साल मोहित की शादी का जिक्र शुरू हुआ, लेकिन फिर रिश्ते की बात नहीं बनी।
मोहित के चाचा कुलदीप ने आरोप लगाया कि संदीप ने पहले उसके भाई भूप सिंह व चाचा के लड़के मंजीत की भी हत्या की थी। इसी रंजिश में आरोपी ने मोहित को भी गोली मारकर हत्या कर दिया। साथ ही कुलदीप ने ने खुद की जान को भी खतरा बताया। वहीं आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी सहित 3 के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी।