रोहतक। रोहतक के बहुचर्चित विजय नगर के बबलू हत्याकांड में उस समय नया मोड़ आ गया जब आरोपी अभिषेक उर्फ़ मोनू के नाना ने कोर्ट में पुलिस पर सवाल उठा दिए। बचाव पक्ष ने अदालत में याचिका दायर कर बताया कि घर से बरामद हुई लाखों की प्रॉपर्टी का पता ही नहीं है। पुलिस ने ऐसी किसी प्रॉपर्टी को केस में नहीं दिखाया है। एडीजे डॉक्टर गगनगीत कौर की अदालत ने 21 अगस्त तक तत्कालीन जांच अधिकारियों से शपथ पत्र मांगा है।
बचाव पक्ष के वकील ने अदालत को बताया कि 21 अगस्त 2021 को परिवार के चार लोगों की हत्या हुई। पुलिस ने घर की तलाशी ली, लेकिन घर के अंदर से जेवरात व दूसरी प्रॉपर्टी जब्त नहीं दिखाई। परिवार के एकमात्र जीवित बचे युवक अभिषेक उर्फ मोनू को ही पुलिस ने हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
वारदात के डेढ़ माह बाद 16 अक्टूबर 2021 को अभिषेक के नाना ने शिवाजी काॅलोनी थाने में शिकायत दी कि परिवार के रिश्तेदार ही जेवरात चोरी करके ले गए हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। दो आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की। मामले में पुलिस ने कार्रवाई की जगह एफआईआर ही रद्द कर दी। न तो चोरी की गई प्रॉपर्टी बरामद की और न ही कोई ब्योरा अदालत को दिया। वह प्रॉपर्टी कहां गई, पुलिस अदालत को बताएं।
अभिषेक के अधिवक्ता शिवराज मलिक ने कहा कि थाने में दर्ज एफआईआर में आरोपी का नाना कह रहा है कि जेवरात अभिषेक के कमरे की छत पर थे, जहां से चोरी हुए। अगर अभिषेक के पास इतने जेवरात थे तो वह मात्र पांच लाख के लिए अपने माता-पिता, बहन व नानी की हत्या क्यों करता। साफ है कि चौहरे हत्याकांड के पीछे प्रॉपर्टी विवाद है। अभिषेक उर्फ मोनू को बेवजह फंसाया जा रहा है।
आपको बता दें पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक सोनीपत जिले के गांव मदीना निवासी बबलू पहलवान दो दशक से रोहतक में रह रहे थे। साथ ही प्रॉपर्टी डीलर का काम करते थे। 27 अगस्त 2021 को बबलू, उसकी पत्नी बबली, बेटी नेहा उर्फ तमन्ना व बबली की मां रोशनी की घर में सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए प्रॉपर्टी डीलर बबलू के इकलौते बेटे 20 वर्षीय अभिषेक उर्फ मोनू को गिरफ्तार किया था।
अभिषेक तभी से न्यायिक हिरासत के चलते जेल में बंद है। अभिषेक ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी। सीबीआई से तो केस की जांच नहीं हो सकी, लेकिन स्थानीय पुलिस के अलावा स्टेट क्राइम ब्रांच व एसटीएफ ने केस की जांच कर चुकी है।