पवन कुमार बंसल : नूह में बृजमण्डल की यात्रा के दौरान हुए हिंसा में दो होमगार्ड जवानो सहित चार लोगो की जान चली गए और आधा दर्जन पुलिस कर्मी घायल हुए। हिंसा सोहना और गुरुग्राम में भी फेल गयी। मुख्य मंत्री मनोहर लाल कह रहे है की सुनोयोजित और छडयन्त्र पूर्ण तरिके से यात्रा को भंग किया गया जो बड़ी साजिश की तरफ इशारा करती है।
सवाल यह है की जब यह पता था की यात्रा के दौरान दोनों पक्षों में टकराव हो सकता है तो ऐसे में पुलिस ने क्या प्रबंध किये?
सी आई डी ने इस बारे सरकार को सूचित किया या नहीं। मोनू मानेसर जिसपर दो युवको की हत्या का आरोप है को हिरासत में क्यों नहीं लिया गया ? अब मनोहर लाल कह रहे है की जांच होगी। क्या यह पता लगाया जाएगा की पुलिस और सी आई डी क्यों फेल रही। नूह के पुलिस अधीक्षक की छुट्टी क्यों मंजूर की गयी।
फिर अब उनकी छुट्टी कैंसिल क्यों नहीं की गयी। नूह के पुलिस अधीक्षक और साउथ पुलिस रेंज के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस की आपस में नहीं बनती। नूह में माइन माफिया ने एक डी एस पी को कुचल कर मार दिया लेकिन फिर भी माफिया सक्रिय है। अब भिवानी के एसपी नरेंदर बिजारणिया को नूह का अतिरिक्त चार्ज दिया है। उनकी अच्छी छवि है और वे नूह में रह चुके है। यह सरकार का अच्छा निर्णय है।