Saturday, October 19, 2024
HomeहरियाणारोहतकI.N.D.I.A गठबंधन को लेकर हुड्डा का बड़ा बयान, जानिए क्या गठबंधन और...

I.N.D.I.A गठबंधन को लेकर हुड्डा का बड़ा बयान, जानिए क्या गठबंधन और मुआवजे को लेकर क्या बोले पूर्व सीएम

पूर्व सीएम ने कहा कि अत्यधिक बारिश व बाढ़ के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में सरकार किसानों को 40 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दें। जिनके मकान टूटे हैं, उनके मकान बनाने में मदद की जाए। मृतकों के लिए सरकार ने 4 लाख देने की घोषणा की है। यह नाकाफी है। यह राशि बढ़ाकर 20 लाख की जाए।

रोहतक। I.N.D.I.A गठबंधन को लेकर वीरवार को डीपार्क स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बड़ा बयान दिया है। यह गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी अकेले चुनाव लड़ने में पूरी तरह से सक्षम है गठबंध बाकी पार्टी कर लेंगे। वहीँ प्रदेश में बाढ़ से हुए हालातों पर भी पूर्व सीएम हुड्डा ने सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाया।

पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण को लेकर जनवरी में बैठक हुई थी जिसमे बड़ी-बड़ी बातें की गई थी लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ। कम से काम अब तो बाढ़ पीड़ितों को सरकार राहत देने के लिए कोई काम तो करें। पूर्व सीएम ने कहा कि बारिश व बाढ़ को लेकर सरकार की तैयारी ही नहीं थी। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद अधिक बारिश को देखते हुए फ्लड कंट्रोल की बैठक होती है। ड्रेनों की सफाई होती है। इसका बकायदा अधिकारी इंस्पेक्शन करते हैं। यह काम ही नहीं हुआ। नदी के रास्ते पर अवैध खनन बेरोकटोक चला। ऐसा नहीं होता तो इतना नुकसान नहीं होता।

पूर्व सीएम ने कहा कि अत्यधिक बारिश व बाढ़ के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में सरकार किसानों को 40 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दें। जिनके मकान टूटे हैं, उनके मकान बनाने में मदद की जाए। मृतकों के लिए सरकार ने 4 लाख देने की घोषणा की है। यह नाकाफी है। यह राशि बढ़ाकर 20 लाख की जाए।

सरकार मदद करने की बजाय पोर्टल में उलझी है। सरकार को पोर्टल की बजाय तुरंत नुकसान की गिरदावरी होनी चाहिए और 48 घंटे के अंदर मुआवजा मिलना चाहिए। अगर सरकार के लिए पोर्टल इतना जरूरी है तो प्रदेश में किसी मुख्यमंत्री और मंत्री की जरूरत ही क्या है। जिस पोर्टल से जनता को परेशानी हो रही है, कांग्रेस आने के बाद वहां के सभी पोर्टल बंद किये जायेंगे।

वहीँ बाढ़ में मौजूदा हालात को देखते हुए बीमारी फैलने का खतरा बढ़ा हुआ है। ऐसे में सरकार दवा और चिकित्सकों की व्यवस्था करे। इस समय किसी तरह की कार्रवाई के बजाय यह राहत बेहद जरूरी है। यमुना के पानी से हरियाणा के कई जिलों व दिल्ली में बाढ़ के हालात बने। इसके लिए दिल्ली व हरियाणा सरकार दोनों दोषी है। दिल्ली में अवैध खनन के चलते नदी ने अपना रास्ता बदला। उन्होंने कहा कि हरियाणा में हथिनी बैराज से 380000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया। सरकार चाहती तो छोटे-छोटे बांध दुरुस्त किए जाते। ठोकरे व स्टड बनाए जाते।

किसानों का नुकसान ज्यादा हुआ है। सरकार ने फसल बीमा का प्रीमियम बढ़ाकर किसान की परेशानी और बढ़ाई है। यह एक तरह से मुनाफाखोरी का धंधा है। खेतों में 3 से 4 फीट तक पानी भरा है। हालात ऐसे हैं कि अगली फसल भी प्रभावित हो सकती है। ऐसे में खेतों से पानी निकालने के साथ किसानों की आर्थिक मदद जरूरी है।

प्रदेश में बेरोजगारी व महंगाई एक नंबर पर है। कानून व्यवस्था लचर बनी हुई है। भ्रष्टाचार व्याप्त है। इस और कुछ नहीं किया जा रहा है। ज्यादातर विभागों के कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। क्लर्कों की मांग का भी स्थायी समाधान होना चाहिए। क्लर्कों की हड़ताल से सभी सरकारी काम रुके पड़े हैं इससे जनता आहत है।

सीईटी और कौशल रोजगार के नाम पर युवाओं के साथ हरियाणा में धोखा हो रहा है। गरीब व्यक्ति को 30 दिन के लिए मनरेगा की मजदूरी दी जानी चाहिए तभी उसके घर का चूल्हा जलेगा। यही वजह है कि आने वाले चुनाव में जनता कांग्रेस के हाथों में सरकार सौंपने का मन बना चुकी है। इस मौके पर विधायक बीबी बतरा, संत कुमार व अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -

Most Popular