Amritpal, खालिस्तान समर्थकों पर की जा रही कार्रवाई से जम्मू-कश्मीर में कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के सशस्त्र गार्ड को दिए गए हथियारों के लाइसेंस रद्द करने में हुई देरी पर सवाल उठाये जा रहे हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
ऐसा प्रतीत होता है कि भगोड़े उपदेशक के दो निजी सुरक्षा अधिकारियों के पास अपने शस्त्र लाइसेंस पड़ोसी केंद्र शासित प्रदेश के जिलों से या तो नवीनीकृत थे अथवा नए सिरे से जारी किए गए थे।
दोनों निजी सुरक्षा अधिकारी सेना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वरिंदर सिंह 19 वीं सिख रेजिमेंट से और तलविंदर सिंह 23वीं आर्मर्ड पंजाब रेजिमेंट से जुड़े थे।
अधिकारियों ने कहा कि पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) के 12 जनवरी को संबंधित उपायुक्तों को पत्र लिखने के बावजूद लाइसेंस रद्द नहीं किए गए थे।
ये पत्र अमृतपाल सिंह के समर्थकों से जुड़े एक विवाद से लगभग छह सप्ताह पहले लिखे गए थे, जहां दोनों ने अपने हथियारों का प्रदर्शन किया था।
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अमृतसर जिले में कोट धर्मचंद कलां के तलविंदर सिंह और असम की जेल में बंद वरिंदर सिंह उर्फ फौजी, दोनों के शस्त्र लाइसेंस क्रमशः रामबन और किश्तवाड़ जिलों के उपायुक्तों द्वारा अवैध करार दिए गए। इस साल नौ मार्च को रद्द करने संबंधी आदेश के मुताबिक वरिंदर सिंह के लाइसेंस का 24 जुलाई 2017 से नवीकरण नहीं हुआ था।
जम्मू-कश्मीर से समय-समय पर फर्जी बंदूक लाइसेंस जारी करने के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच कर रहा है।