रोहतक। PGI रोहतक के पूर्व CMO डॉक्टर इमरान को आख़िरकार जमानत मिल ही गई। करीब तीन माह बाद अब वह जेल से बाहर आएंगे। एएसजे राकेश सिंह की अदालत ने जमानत दे दी। बचाव पक्ष का तर्क है कि डॉ.इमरान पहले ही एमएलआर काट चुके थे। न ही उन्होंने रिश्वत मांगी। साथ ही विजिलेंस केस में चालान भी दाखिल कर चुकी है। दोनों पक्षों की बहस के बाद अदालत ने रिश्वत लेने के आरोपी डॉक्टर इमरान को जमानत दे दी।
बचाव पक्ष वकील पीयूष गक्खड़ ने बताया कि मनदीप हुड्डा ने जनवरी माह में विजिलेंस को शिकायत दी थी कि 31 दिसंबर की रात को वह अपने दोस्तों के साथ दिल्ली बाईपास के पास स्थित एक बार में नए साल की पार्टी कर रहा था। यहां महेंद्रगढ़ के बापडोली निवासी डॉ. अजय ग्रेवाल व उसके साथियों के साथ बार में झगड़ा हो गया था। इस संबंध में दोनों पक्षों की ओर से थाना अर्बन स्टेट में शिकायत देने पर पांच जनवरी को केस दर्ज कर लिए गए।
थाना अर्बन स्टेट पुलिस ने डॉ. अजय ग्रेवाल के सिर में चोट का मनदीप के खिलाफ केस दर्ज किया। इसमें डॉ. अजय ग्रेवाल की एमएलआर पीजीआईएमएस में ट्रामा सेंटर के सीएमओ डॉ. इमरान खान ने काटी। इस मामले में शिकायतकर्ता ने बात की तो उसने 2.30 लाख रुपये रिश्वत मांगी। रिश्वत नहीं देने पर एमएलआर में डेंजर टू लाइफ की राय देने की धमकी दी।
इस बारे में शिकायतकर्ता ने सीएमओ से 1.50 लाख रुपये में समझौता कर लिया। शिकायतकर्ता ने सीएमओ के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की शिकायत विजिलेंस में दी। सात जनवरी को विजिलेंस के डीएसपी सुमित कुमार ने दबिश देकर सीएमओ को डेढ़ लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया था। तभी से मामला जिला अदालत में चल रहा था। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस के बाद जमानत दे दी।