Punjab, भारत-पाकिस्तान सीमा से गांव पाकिस्तान से हमेशा डरे रहते है यह गांव कालू वाला ( टापू) का है जो तीन तरफ से सतलुज नदी से घिरा हुआ है.
हालता तो यह भी है कि यहां के लोगो को सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति बनते ही गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ता है. यहा कि आबादी लगभग 450 है. करीब 70 परिवारों के लिए यह गांव काला पानी से कम नहीं है
आपको बता दें कि यह गांव शिक्षा के मामले में भी पिछड़ा हुआ है. पिछले साढ़े सात दशक से यहा के लोग शिक्षा से वंचित है. इस गांव में बहुत कम लोग 12वीं पास हैं. यहां पर कई तरह के सुविधाएं नहीं है जो आम लोगों को अपने रोजाना के जीवन में चाहिए जैसे न डिस्पेंसरी, पीने के लिए शुद्ध पानी, बारिश में बिजली चली जाने के बाद 1-2 महिने बाद बिजली आती है.
H3N2 Flu: बहुत खतरनाक है इन्फ्लुएंजा वायरस, खांसी, जुकाम या बुखार को न करें नजरांदाज
जानकारी के अनुसार बीएसएफ ने अस्थायी बलून पुल स्थापित किया है, जो छह माह ही रहता है. धान के सीजन में मुश्किलें होती हैं लेकिन धान से लदी ट्रालियां बड़ी नाव के जरिये मंडी ले जाने का प्रयास करते हैं. कई बार ये नदी में ही डूब जाती हैं. सभी नेता कहते हैं कि उनके गांव में दरिया पर पुल बनावा देंगे, लेकिन पुल बनवाने का वादा आज तक किसी ने भी पूरा नहीं किया है.