बिहार में पटना-आरा-सासाराम 4 लेन हाईवे परियोजना के निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है। इस हाईवे से पटना, आरा और सासाराम के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी, जिससे यातायात में आसानी होगी और यात्रा का समय कम होगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 3,900 करोड़ रुपये की लागत आएगी। बताया जा रहा है कि इस हाईवे को केंद्र सरकार ने हाइब्रिड एन्युटी मोड में बनाने का फैसला लिया है।
यूपी और दिल्ली की दूरी होगी कम
इस हाईवे का उद्देश्य पटना, भोजपुर और रोहतास जिलों के बीच आवागमन को सुगम और तेज बनाना है। इसके निर्माण पर 3,900 करोड़ रुपये की लागत आएगी और ये परियोजना मार्च 2025 तक शुरू होने की संभावना है। ये हाईवे एक्सेस कंट्रोल टाइप का होगा, जिसका मतलब है कि गाड़ियों के चढ़ने और उतरने के लिए निर्धारित स्थान होंगे।
वहीं, इससे उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक जाने की दूरी कम हो जाएगी। इस परियोजना का निर्माण दो हिस्सों में होगा, पहला भाग पटना से आरा तक 46 किमी और दूसरा भाग आरा से सासाराम तक 74 किमी लंबा होगा। इस हाईवे में एक महत्वपूर्ण हिस्सा आरा शहर के लिए रिंग रोड का भी होगा, जिससे शहर के ट्रैफिक को व्यवस्थित किया जा सकेगा। इसके अलावा, सोन नदी पर नया पुल बनेगा, जो कोइलवर पुल से लगभग 10 किलोमीटर दूर होगा।
क्या होता है हाइब्रिड एन्युटी मोड?
हाइब्रिड एन्युटी मॉडल का मतलब है, सड़क निर्माण और राजमार्ग परियोजनाओं के लिए एक ऐसा मॉडल जिसमें सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम करते हैं। इस मॉडल में सरकार परियोजना लागत का 40% हिस्सा देती है और बाकी 60% हिस्सा निजी क्षेत्र को उठाना होता है।
वहीं, इस मॉडल के तहत, सरकार पहले पांच सालों में परियोजना लागत का 40% हिस्सा पांच बराबर किस्तों में देती है। बाकी 60% हिस्सा, परियोजना के पूरा होने के बाद, निर्मित परिसंपत्तियों के मूल्य के आधार पर दिया जाता है। इस मॉडल में, परियोजनाओं के मुकदमेबाजी में फंसने, विलंब से पूरा होने, और लागत बढ़ने की आशंका कम रहती है।