गरिमा टाइम्स न्यूज.रोहतक : तिलियार जू में आने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी यह है कि जिन जीव जंतुओं को वह टीवी व अन्य चैनलों के माध्यम से देखते थे, वह उन्हें अपनी आंखों के बिल्कुल सामने से देख सकते है। क्योंकि ब्राजील और दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले मामोर्सेट बंदर व चीन में पाए जाने वाले स्लो लोरिस रोहतक चिडियाघर में पहुंच चुके है। पर्यटक अब सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक इनको देख सकते हैं।
स्लो लोरिस 68 ग्राम का है। यह नन्हा सा प्राणी पर्यटकों का आकर्षण बना हुआ है। पांडा की तरह दिखाई देने वाला यह छोटा सा जीव चीन से लाया गया है। यह लोगों को लुभाने में सफल रहा है। नॉकटर्नल हाउस में रखा गया है। तिलियार स्थित लघु चिडियाघर में बिलासपुर से चौसिंगा व हिमालयन घोरल भी लाया गया है। इनमें दो नर व दो मादा हैं। इन जीवों से चिड़ियाघर की रौनक बढ़ गई है। बिलासपुर से लाए गए चार चौसिंगा से पहले यहां करीब 45 से ज्यादा हिरण हैं। इसमें सफेद हिरण, चिंकारा, ब्लैक बग, सांभर, माउस डीयर व अन्य प्रजातियां शामिल हैं। इनके लिए अलग-अलग बाड़ा बनाया गया है। चौसिंगा व हिमालयन घोरल को भी अलग घर दिया गया है।
नए भवन में रखे गए हैं इगुआना और स्लो लोरिस
नए बने नॉकटर्नल भवन में इगुआना और स्लो लोरिस को रखा गया है। यह सभी वन्य प्राणी पश्चिम बंगाल स्थित कोलकाता अलीपुर चिड़ियाघर से आए हैं। इन्हें देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ लग रही है। पर्यटक उत्साह में नजर आए। बच्चों के साथ युवाओं व उनके अभिभावकों में वन्य प्राणियों को देखने के लिए अलग ही उत्साह देखने को मिला। एक स्लो लोरिस सोया हुआ तो चार इगुआना डिस्पले केज में कृत्रिम टहनी पर बैठा दिखा।
चौसिंगा, घोरल, माउस डियर के आने से हिरणों के कुनये में बढ़ोतरी हुई। पर्यटकों या वन्य जीव बहुत पसंद भी आ रहे हैं। वन्य जीवों की विविमता के कारण यहां न सिर्फ रोहतक के बल्कि अन्य जिलों से भी लोग पहुंच रहे हैं। लघु चिड़ियाघर को और बढ़ाना है। जल्द ही यहां अफ्रीकी जीव भी नजर आएंगे।– राजेश कुमार, निरीक्षक, लघु चिड़ियाघर, वन्य प्राणी विभाग रोहतक