पंजाब, पूर्व वित्त मंत्री और अकाली दल सुधार आंदोलन के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि अकाली दल के नेता फिर से गंभीर गलतियां कर रहे हैं। शुक्रवार को सुनाम में पत्रकारों से बातचीत में ढींढसा ने कहा कि शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी एक सुलझे हुए व्यक्तित्व हैं, लेकिन उन्हें सुखबीर बादल को माफ करने के इरादे से सिंह साहिब पर दबाव बनाने से बचना चाहिए।
पहले डेरा प्रमुख को माफ करने में जो भूमिका दलजीत सिंह चीमा ने निभाई थी, वही भूमिका अब सुखबीर सिंह बादल को माफ करने में बलविंदर सिंह भूंदड़ और शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष धामी निभा रहे हैं।
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर दबाव बनाने के इरादे से फतेहगढ़ साहिब में एक गुप्त बैठक की गई है। अतीत की गलतियों से सीखने की जरूरत है। उन्हीं गलतियों के कारण आज अकाली दल कहां खड़ा है? अगर दोबारा ऐसी गलतियां हुईं तो सिख समुदाय माफ नहीं करेगा।
ढींडसा ने कहा कि सुधार आंदोलन कभी भी अकाली दल को कमजोर नहीं करना चाहता। आम सिखों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। सुखबीर बादल की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाले नेता को पार्टी से बाहर कर दिया गया। सिंह साहिब या अकाल तख्त के खिलाफ बोलने वाले नेताओं को चुप करा दिया जाता है।
सिख समुदाय ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं कर सकता और अकाल तख्त साहिब को स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि धान का भुगतान शीघ्र किया जाये। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। धान के सीजन में इतनी परेशानी पहले कभी नहीं हुई। इस मौके पर उनके साथ यादविंदर सिंह निर्माण, लक्की जस्सल, सुरजीत शंटी, बलजिंदर काका, जगमेल सिंह छाजला, प्रितपाल सिंह काला आदि मौजूद थे।