पंजाब की मंडियों में धान खरीद में आ रही दिक्कतों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला है। आप के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से पंजाब भाजपा के नेता किसानों और किसानों को गुमराह करने के लिए गलत बयानबाजी कर रहे हैं।
अरोड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार और बीजेपी नेता अपनी गलतियां पंजाब सरकार पर थोपने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम दस सीट हारने का बदला नहीं ले रहे हैं, बीजेपी पंजाब के किसानों और किसान आंदोलन से लोकसभा में जीरो सीट मिलने का बदला ले रही है। पंजाब में हमारी सरकार है। जनता ने हमें ऐतिहासिक बहुमत से चुना है। उन्होंने कहा कि पंजाब का बच्चा-बच्चा जानता है कि भाजपा की मानसिकता पंजाब के प्रति कितनी गंदी है।
अरोड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार ने 43 हजार करोड़ रुपये की सीसीएल लिमिट जारी कर दी है, लेकिन बीजेपी नेताओं को पता होना चाहिए कि अनाज की असली मालिक केंद्र सरकार है। अन्न भंडार से संबंधित सभी निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लागू किये जाते हैं। जब मालिक केंद्र सरकार होती है तो उसकी अपनी संस्था FCI होती है। अनाज को अपनी एकल अभिरक्षा में क्यों नहीं रखते?
हालाँकि, अगर केंद्र सरकार चाहती है कि पंजाब सरकार अनाज को अपनी हिरासत में रखे, तो उसे हमें एक हलफनामा देना चाहिए कि रखरखाव, वजन और गुणवत्ता के मामले में कोई नुकसान पंजाब सरकार और शैलर मालिकों द्वारा वहन नहीं किया जाएगा। नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी चाहिए।
अरोड़ा ने मिलिंग पॉलिसी को लेकर बीजेपी नेता के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि पॉलिसी जनवरी में आई थी और इसमें हर महीने 150 मीट्रिक टन अनाज उठाने का जिक्र है। उनके अनुसार एफ.सी.आई अब तक लगभग 150 लाख मीट्रिक टन चावल का उठाव हो जाना चाहिए था, फिर उठाव धीमा क्यों हुआ?
आप नेता ने बीजेपी नेताओं को गलत बयानबाजी न करने की सलाह दी और कहा कि उन्हें आरोप-प्रत्यारोप करने के बजाय अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और केंद्र सरकार से इस मुद्दे का समाधान करने के लिए कहना चाहिए ताकि किसानों की समस्या का समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि दरअसल बीजेपी नेता अपनी सरकार की नाकामी को छुपाने के लिए इस तरह की झूठी बयानबाजी कर रहे हैं।