Friday, October 18, 2024
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72 शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने पर शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस का बड़ा बयान

पंजाब के सरकारी स्कूलों से 72 शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने पर शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि पिछले ढाई साल में पंजाब की शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। आज हर गांव और शहर में लोग पंजाब की शिक्षा क्रांति की बात कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 2022 से पहले 8000 से ज्यादा सरकारी स्कूलों की कोई बाउंड्री नहीं थी। हमने उन सभी स्कूलों में लगभग 1400 किमी लंबी बाउंड्री बनाई है। 10,000 से अधिक नई कक्षाएँ बनाई गईं और बच्चों को पढ़ने के लिए डेस्क उपलब्ध कराए गए। इससे पहले पंजाब के सरकारी स्कूलों में फर्नीचर की कमी के कारण करीब एक लाख बच्चे फर्श पर बैठकर पढ़ाई करते थे। हमने इस समस्या का समाधान कर लिया है। 1400 स्कूलों में लड़कियों के लिए बाथरूम नहीं थे, हमने वो भी बनाये।

उन्होंने कहा कि पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों में स्कूल ऑफ एमिनेंस के अलावा और भी कई काम किये जा रहे हैं। 18,000 स्कूलों में वाई-फाई लगाया गया है। स्कूलों ने सुरक्षा गार्ड और परिसर प्रबंधक नियुक्त किए हैं। ‘आप’ सरकार से पहले सरकारी स्कूलों को सफाई के लिए एक रुपया भी नहीं मिलता था। अब 3000 से 50,000 रुपये प्रति माह मिल रहा है।

इन सबके बावजूद अच्छी शिक्षा के लिए सबसे जरूरी है शिक्षकों का प्रशिक्षण। हमने स्कूल ऑफ एमिनेंस और पंजाब के अन्य स्कूलों के सभी प्रिंसिपलों को सिंगापुर से प्रशिक्षित किया। हमने अब तक 202 प्रिंसिपलों को सिंगापुर भेजा है। 152 प्रधानाध्यापकों को अहमदाबाद से प्रशिक्षण दिया गया है। अब 72 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजा जा रहा है।

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इसके लिए पंजाब के शिक्षा विभाग ने पिछले महीने फिनलैंड की टूर्कू यूनिवर्सिटी के साथ ट्रेनिंग के लिए समझौता किया है। दिल्ली में फिनलैंड के राजदूत की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। प्रशिक्षण तीन सप्ताह का होगा। अगला बैच फरवरी-मार्च 2025 में भेजा जाएगा।

इस एमओयू के तहत पंजाब सरकार अपने शिक्षकों को किसी भी समय फिनलैंड भेज सकती है या शिक्षक फिनलैंड से पंजाब आ सकते हैं। मंत्री ने कहा कि कल मुख्यमंत्री भगवंत मान भी अध्यापकों से बातचीत करेंगे और फिर उन्हें फिनलैंड भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों की चयन प्रक्रिया के दौरान यह देखा गया कि प्रत्येक शिक्षक के पास कितना अनुभव है और उनकी नौकरी में कितने साल बचे हैं, ताकि प्रशिक्षण के बाद वे कम से कम 10-15 साल तक बच्चों को पढ़ा सकें। साथ ही उनका पिछला रिकॉर्ड भी चेक किया गया।

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