पंजाब, मार्च 2022 से अब तक धान और गेहूं की 5 फसलों की सफल खरीद के बाद, वर्तमान AAP सरकार ने इस खरीफ फसल यानी 230 की संभावना को देखते हुए केंद्रीय रिजर्व के लिए चावल उपलब्ध कराने के लिए आज से 185 लाख टन धान खरीदने का फैसला किया है। लाख टन धान उत्पादन की पूरी व्यवस्था कर ली गयी है।
2100 से अधिक मंडियों और अस्थायी खरीद केंद्रों पर बिजली, पानी, साफ-सफाई, 5 लाख गांठों की 500 बोरियां और अन्य चंदन की लकड़ी की व्यवस्था की गई है। खाद्यान्न आपूर्ति विभाग और मंडी बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने दैनिक प्रवक्ता को बताया कि 4 सरकारी एजेंसियों ने पनसप, पनग्रेन, मार्कफेड और वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन को मंडिया आवंटन और 185 लाख टन खरीद के अलग-अलग लक्ष्य दिए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसी एफ.सी.आई. धान खरीद का लक्ष्य भी 5 लाख टन तक का दिया गया है।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार के वित्त विभाग द्वारा केंद्र सरकार को पत्र लिखने पर रिजर्व बैंक ने किसानों को इस धान की खरीद का भुगतान करने के लिए पंजाब के बैंकों को 41340 करोड़ की कैश क्रेडिट लिमिट राशि जारी कर दी है। जिनमें से किसानों और कृषकों के खातों में शेष राशि जारी रहेगी। अधिकारियों ने बताया कि जरूरत पड़ने पर नवंबर माह में अतिरिक्त राशि जारी कर दी जायेगी।
बता दें कि इस खरीद सीजन के दौरान विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए कई मजदूर यूनियनें, आढ़ती संगठन और शैलर मालिक खाद्यान आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक और मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बातचीत जारी रखे हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कल घोषणा की थी कि किसानों की फसल का दाना-दाना खरीदा जाएगा। इन अधिकारियों ने यह भी कहा कि पिछली सरकार की 2 फसलें और वर्तमान सरकार की 5 फसलों की खरीद के लिए 8000 करोड़ से अधिक का ग्रामीण विकास कोष अभी भी केंद्र सरकार के पास लंबित है, मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
दुकानों और गोदामों की स्थिति के बारे में अधिकारियों ने कहा कि 4 एजेंसियों के गोदामों में 175 लाख टन अनाज भरा हुआ है, चावल की नई फसल के लिए जगह नहीं है और मुख्यमंत्री दो बार लिखित रूप से और दो बार केंद्र को सूचित कर चुके हैं फोन पर अनुरोध किया गया है कि इन खाद्यान्नों को जरूरतमंद राज्यों तक ट्रेनों के माध्यम से भेजने की व्यवस्था की जाए।