चंडीगढ़ : हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के सतत प्रयासों के फलस्वरूप राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत पहले चरण में 5 हजार 192 पात्र परिवारों को सहायता राशि जारी की गई। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत ऐसे परिवारों को 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिनके घर के कमाने वाले सदस्य की मृत्यु हो चुकी हो।
आयोग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला आयोग के संज्ञान में आया और जांच में यह तथ्य सामने आए कि हरियाणा के 14 हजार 805 परिवार इस योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि के लिए दो वर्षों से अधिक समय से प्रतीक्षा कर रहे है। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि वर्ष 2022 में इस योजना के तहत लाभ वितरण में देरी का प्रमुख कारण राज्य सरकार द्वारा केंद्र को भेजे गए प्रस्तावों में तकनीकी खामियाँ थीं, विशेष रूप से उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूज़ेबिलिटी सर्टिफिकेट्स) की गलत फॉर्मेटिंग। इसी कारण केंद्र सरकार समय पर धनराशि जारी नहीं कर सकी।
आयोग ने इस गंभीर विषय को प्राथमिकता देते हुए भारत सरकार से सीधे पत्राचार किया। आयोग के हस्तक्षेप के चलते फरवरी 2025 में पहली किश्त के रूप में सहायता राशि वितरित की गई। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि आयोग शेष लाभार्थियों को भी सहायता राशि दिलवाने के लिए पूरे रूप से सक्रिय है।
प्रवक्ता ने बताया कि महात्मा गांधी के अंत्योदय सिद्धांत को आधार मानते हुए आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों को उनका अधिकार समय पर और सम्मानपूर्वक प्राप्त हो। यह उदाहरण दर्शाता है कि जब संस्थाएँ उत्तरदायित्व के साथ कार्य करती हैं, तो प्रशासनिक तंत्र जनहित में सार्थक और प्रभावी परिणाम दे सकता है।