Thursday, May 2, 2024
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रोहतक में किरायेदर से मालिक बने 265 दुकानदार, पैसा जमा कराते ही होगी रजिस्ट्री

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व्यापारी नेता गुलशन निझावन ने बताया कि 2014 में भाजपा सरकार आने के बाद ही उन्होंने किरायदारों को मालिक बनाने की मांग करनी शुरू कर दी थी। कई बार मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेजा गया।

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रोहतक। रोहतक नगर निगम ने 265 दुकानदारों को दिवाली का तोहफा दे दिया है। जबकि 36 दुकानदारों द्वारा किरायदार से मालिक बनने के लिए अभी पैसा जमा नहीं कराया गया है। पैसा जमा कराते ही उनकी भी रजिस्ट्री हो जाएगी। वहीं 183 दुकानदारों का मांगपत्र चंडीगढ़ गया हुआ है, इस पर सरकार को निर्णय लेना है।

प्रदेश सरकार ने 2021 से मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना लागू कर रखी है। योजना के तहत जो दुकानदार सरकारी दुकानों को 20 साल या इससे पहले से किराये पर लिए हुए है, उनको किरायेदार से मालिक बनाया जा रहा है। पोर्टल पर शहर से 574 दुकानदारों ने आवेदन किया था, जिनमें से 301 की फाइल मंजूर हो चुकी है। ज्यादातर के नाम नगर निगम रजिस्ट्री करवा चुका है। केवल 36 दुकानदारों के पैसे जमा होने बाकी हैं। व्यापारी नेता गुलशन निझावन ने बताया कि 2014 में भाजपा सरकार आने के बाद ही उन्होंने किरायदारों को मालिक बनाने की मांग करनी शुरू कर दी थी। कई बार मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेजा गया। रोहतक आगमन पर व्यापारी तत्कालीन सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर के साथ मुख्यमंत्री से भी मिले थे।

नगर निगम एलओ संदीप बतरा ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना पर तेजी से काम चल रहा है। 301 दुकानों की रजिस्ट्री कराने की अनुमति मिली थी, जिनमें से 265 रजिस्ट्री शुक्रवार तक हो चुकी थी। बाकी दुकानदार 36 दुकानदार जल्द पैसा जमा कराते हैं तो निगम रजिस्ट्री जल्द करवा देगा। वहीँ 195 दुकानें ऐसी हैं, जो निगम की बजाए दूसरे विभाग की जमीन पर बनी हुई हैं। हालांकि किराया नगर निगम ही लेता है। नगर निगम ने ऐसे दुकानदारों के आवेदन स्वीकार नहीं किए हैं। दुकानदारों ने मांग पत्र चंडीगढ़ मुख्यालय भेजा हुआ है। अब सरकार निर्णय लेगी कि उक्त दुकानदारों को किरायेदार से मालिक बनाया जाएगा या नहीं।

आपको बता दें नगर निगम ने नए सिरे से पुरानी सब्जी मंडी में 108 दुकानें बनाकर दी हैं, लेकिन उनकी रजिस्ट्री अभी दुकानदारों के नाम नहीं है। ऐसे में निगम प्रशासन रजिस्ट्री दुकानदारों के नाम कराने की तैयारी कर रहा है। पालिका बाजार एसोसिएशन प्रधान गुलशन निझावन ने कहा कि नगर निगम अपनी जमीन में बनी दुकानों के साथ-साथ उन दुकानों की रजिस्ट्री भी करवाए, जो दूसरे विभागों की जमीन पर बनी हैं। क्योंकि किराया निगम ही लेता रहा है। ऐसे में दुकानदार अधिकारियों की गलती का खामियाजा क्यों भुगते। चंडीगढ़ पत्र भेजा गया था, जिस पर मुख्यालय ने निगम से जवाब मांगा हुआ है।

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