रोहतक। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि बजट के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी की गई है। इससे ना करदाता को कोई राहत मिली, ना इसमें बेतहाशा महंगाई को कम करने का कोई रोडमैप दिखाई दिया। इसमें किसान की एमएसपी व अन्य मांगों को भी पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। गृहणी, मजदूर, कर्मचारी और व्यापारी वर्ग को भी बजट से सिर्फ निराशा हाथ लगी।
हुड्डा ने कहा कि 10 साल में सरकार का राजकोषीय घाटा लगातार बढ़ता गया। 2014 तक यूपीए सरकार में यह सिर्फ 4.8% था, जो अब बढ़कर 5.8 हो गया है। जबकि जीडीपी की विकास दर में भारी कमी देखने को मिली है। यूपीए सरकार के दौरान औसत विकास दर लगभग 8% रही, जो बीजेपी के 10 साल में 6% तक भी नहीं पहुंच सकी। इस बार के बजट से भी अर्थव्यवस्था में बेहतरी की कोई उम्मीद नजर नहीं आती।
बजट पर प्रतिक्रिया देने के बाद हुड्डा पटवारियों के धरनास्थल पर गए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि BJP-JJP ने धरनारत कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। सरकार ने पहले मांग मानने का आश्वसन दिया और अब उसको अमलीजामा पहनाने से पीछे हट रही है। कर्मचारियों के आंदोलन की वजह से बहुत सारे काम प्रभावित हो रहे हैं और जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार पटवारी ही नहीं बल्कि आम जनता की भी अनदेखी कर रही है। उसे जल्द से जल्द पटवारियों की मांग पूरी करनी चाहिए। अगर मौजूदा सरकार ने इनकी मांगे नहीं मानी तो कांग्रेस सरकार बनने पर उनको पूरा किया जाएगा।