Thursday, September 11, 2025
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गुरुग्राम और फरीदाबाद में बनाए जाएंगे तीन वेस्ट- टू -एनर्जी प्लांट, कूड़े- कचरे का निस्तारण कर बनाई जाएगी ऊर्जा

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को प्रदेश में स्वच्छता अभियान कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा हेतु एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने, ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली को आधुनिक स्वरूप देने तथा जनसहभागिता के माध्यम से अभियान को व्यापक जन आंदोलन बनाने पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेष रूप से गुरुग्राम और फरीदाबाद के लिए एक समग्र और विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए, ताकि इन जिलों में ठोस कचरे के निस्तारण की समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई के प्रयासों को धरातल पर उतारने के लिए आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग किया जाए।

बैठक में निर्णय लिया गया कि फरीदाबाद, मानेसर और गुरुग्राम में वेस्ट-टू-एनर्जी संयंत्रों की स्थापना की जाएगी, जिनके माध्यम से प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले ठोस कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित कर बिजली उत्पादन किया जाएगा। आने वाले कुछ महीनों में इन संयंत्रों की स्थापना का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा और अगले 24 महीनों के भीतर ये संयंत्र पूरी तरह से चालू हो जाएंगे।

इन वेस्ट-टू-एनर्जी संयंत्रों से अनेक लाभ होंगे। इन संयंत्रों के माध्यम से कचरे से सीधे बिजली उत्पादन किया जाएगा, जिससे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे कोयला और पेट्रोलियम पर निर्भरता कम होगी। यहां से उत्पन्न बिजली को ग्रिड में जोड़कर शहरों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा। इससे हरियाणा की स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और राज्य सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा। इन संयंत्रों के संचालन और रख-रखाव से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। यह पहल हरियाणा को कार्बन उत्सर्जन में कमी और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी। भविष्य में ये संयंत्र न केवल हरियाणा को स्वच्छता मिशन के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहयोग देंगे, बल्कि अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक मॉडल भी सिद्ध होंगे।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य की समयबद्ध मॉनिटरिंग की जाए और जनता को इस प्रक्रिया से जोड़ने के लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएं, ताकि लोग स्वयं कचरे के पृथक्करण और वैज्ञानिक प्रबंधन में सक्रिय सहयोग कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एनर्जी परियोजनाओं से न केवल दोनों जिलों को स्वच्छता की दिशा में बड़ी राहत मिलेगी, बल्कि हरियाणा शहर स्वच्छता अभियान को भी नई गति और मजबूती मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि परियोजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए तथा स्थानीय निकायों को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

नायब सिंह सैनी ने कहा कि स्वच्छता केवल सरकारी कार्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी है जिसमें प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भूमिका होनी चाहिए। नगर निगमों को जिम्मेदारीपूर्वक काम करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि कूड़ा समय पर उठे, सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी न फैले तथा नालों की सफाई नियमित रूप से की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर काम करने वाली शहरी निकायों को पुरस्कृत भी किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य हरियाणा को स्वच्छता के मामले में देश में अग्रणी राज्य बनाना है।

बैठक में बताया गया कि इस अभियान के तहत सरकारी, निजी कार्यालयों, पर्यटन व धार्मिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान चलाकर सफाई की जाएगी। इसके अलावा, शत-प्रतिशत डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने के साथ-साथ सी एंड डी अपशिष्ट डंपिंग पॉइंट, खुले क्षेत्रों और खाली भूखंडों को साफ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्रि, दशहरा और दिवाली जैसे प्रमुख त्योहारों के अवसर पर नगर निकाय विशेष अभियान चलाकर जनभागीदारी के साथ सड़कों, बाजारों और पार्कों की साफ-सफाई करवाना सुनिश्चित करे।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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