लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को संवाद में माहिर होने का मंत्र दिया। बोले कि सार्वजनिक जीवन में संवाद की कला अत्यंत महत्वपूर्ण है। राजनेता वही सफल हो सकता है, जिसमें संवाद की कला हो। यदि वह संवाद में माहिर नहीं है तो सफल राजनेता नहीं हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देखना होगा, हम जिस भी क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, उसमें युवाओं की क्या भूमिका होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28वें युवा उत्सव-2025 में उत्तर प्रदेश के प्रतिभागी दल को बुधवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह उत्सव 10 से 12 जनवरी तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित होगा।
युवा संसद को करना चाहिए प्रमोट
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में परम्परागत छात्रसंघ की बजाय युवा संसद को प्रमोट करना चाहिए, जिससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ा सकें। नेतृत्व का गुण, समाज और अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के प्रति संवेदना होनी चाहिए। कोई भी राजनेता, प्रशासन, पुलिस अधिकारी, अन्नदाता किसान, प्रगतिशील किसान, युवा उद्यमी समेत किसी भी क्षेत्र में कार्य करे, लेकिन उसके मन में राष्ट्रीयता, मातृभूमि के लिए प्यार, जनता व नागरिकों के प्रति संवेदना नहीं है तो उसकी प्रगति का कोई मायने नहीं है।
युवाओं को पूरे देश को जानने का प्राप्त होगा अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 जनवरी की तिथि युवा उत्सव के रूप में आती है, क्योंकि यह युवा ऊर्जा के धनी व वैश्विक पटल पर भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व युवा शक्ति को पहचान दिलाने वाले स्वामी विवेकानंद की पावन जयंती है। पीएम मोदी की प्रेरणा से पिछले कई वर्षों से युवा उत्सव का कार्यक्रम दिल्ली में होता है। इसमें अनेक कार्यक्रमों में भागीदार बनकर युवाओं को पूरे देश को जानने-सीखने का अवसर प्राप्त होता है। इस वर्ष प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री का सानिध्य व संवाद का क्षण भी प्राप्त होगा।
उत्तर प्रदेश के विकास व विरासत की यात्रा में युवा भी बने हैं सहभागी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सामने कुछ लक्ष्य रखे थे। इसमें विकसित भारत भी था। विकसित भारत में युवाओं की ऊर्जा कैसे सहायक हो सकती है। सीएम ने युवाओं से कहा कि 22/23 साल बाद जब देश शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, तब आप भी अलग-अलग क्षेत्र में कार्य कर रहे होंगे। तब ध्यान रखना होगा कि उस समय कैसा भारत चाहिए, उस भारत के निर्माण की कार्ययोजना में कौन कौन से पहलू होंगे। जिन्हें हम आगे बढ़ाकर लेकर चल सकते हैं। विकसित भारत में युवाओं की भी क्या भूमिका होगी, इसे भी हमें देखना होगा।
सीएम ने कहा 63 युवा उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करके राष्ट्रीय महोत्सव का हिस्सा बन रहे हैं। उत्तर प्रदेश के विकास व विरासत की इस यात्रा में युवा भी सहभागी बने हैं।
सात-आठ वर्ष में बढ़ी है उप्र के विकास की यात्रा
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने पिछले सात-आठ वर्ष में विकास की यात्रा को तेजी से आगे बढ़ाया है। 10 वर्ष पहले लोग खुद को उत्तर प्रदेश का वासी कहने में संकोच करते थे। यहां सुरक्षा नहीं, बल्कि दंगा, अराजकता व गुंडागर्दी थी। उप्र आबादी में नम्बर एक लेकिन विकास के पायदान पर पीछे था,अर्थव्यवस्था में छठवें-सातवें पायदान पर था। उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में पिछड़ा था, लेकिन सात-आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में खड़ा है। इसके पीछे की सफलतम कहानी को जिन्होंने नजदीक से देखा है, वे वर्तमान व भावी पीढ़ी को अवगत कराएं, जिससे उन्हें भी प्रगति के सही मानक की जानकारी हो सकेगी।
उत्तर प्रदेश की अमिट छाप को छोड़ने में सफल होंगे युवा
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि युवा उत्तर प्रदेश की अमिट छाप को छोड़ने में सफल होंगे। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों, वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट की प्राचीन विधा (जो कौशल विकास का अद्भुत उदाहरण था) उसे भी प्रस्तुत करने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट वह नहीं है, जो केवल आज हम देख रहे हैं, स्किल डेवलपमेंट वह भी था, जिसने कभी मुरादाबाद को ब्रास, अलीगढ़ को हार्डवेयर, फिरोजाबाद को ग्लास, लखनऊ को चिकन कारी, मेरठ को स्पोर्ट्स आइटम, भदोही की कालीन, सहारनपुर को वुडन वर्क, वाराणसी के रेशम वस्त्र को मौका दिया। ये सभी प्राचीन विरासत के प्रतीक हैं, जिसे सरकार वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के रूप में प्रमोट कर रही है। कौशल विकास की इस विधा को हम विरासत के रूप में आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर खेल व युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक डॉ. नीरज बोरा, ओपी श्रीवास्तव, अमरेश कुमार आदि मौजूद रहे।