Saturday, May 4, 2024
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मोबाइल फोन की स्क्रीन पर चिपके रहते हैं आप, कहीं चली न जाए आंखों की रोशनी!

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नई दिल्ली। आज के समय में छोटा हो या बड़ी अधिकांश लोग अपना आधा समय मोबाइल फोन की स्क्रीन पर बिताते हैं। वहीं ऑफिस जाने वाले लोग 9 घंटे लगातार कंप्यूटर या लैपटॉप स्क्रीन पर आंखें गड़ाए बैठे रहते हैं। डिजिटल दुनिया में, अधिकांश लोगों को लंबे समय तक अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर देखना पड़ता है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसी मजेदार चीजें मोबाइल फोन पर हैं और ओटीटी जेसी चीजों की लोगों को लत लग गई है। हालांकि कंप्यूटर और स्मार्टफोन ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है, लेकिन हम लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से हमारी आंखों को होने वाले खतरे से अनजान हैं। इस प्रकार, बड़ी स्क्रीन, कंप्यूटर और स्मार्टफोन स्क्रीन से हमारी आंखों को खराब कर रही हैं, जिसे वॉलेट प्लेटफ़ॉर्म कहा जाता है।

आँखों को हो सकती हैं ये समस्याएं

इसके चलते हमें डिजिटल आई प्रॉबलम या कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम की समस्या हो सकती है। इसके चलते आंखों में सूखापन, लालिमा, खुजली और आंसू आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आंखों में जलन या देखने में कठिनाई भी हो सकती है। यह समस्या कंप्यूटर और अन्य उपकरणों के बार-बार उपयोग के कारण होती है। लंबे समय तक लगातार नीली स्क्रीन देखने से धुंधली दृष्टि, सिरदर्द और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

आइए जानते हैं कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के बारे में –

ब्लर विजन: बहुत देर तक नीली स्क्रीन पर देखने से आपको अक्सर ऐसा महसूस हो सकता है कि कोई चीज़ आपकी दृष्टि को अवरुद्ध कर रही है। आपकी दृष्टि धुंधली हो जाना जैसे कोई कण आंख में फंस गया हो।

आई स्ट्रेन: यह एक आम बीमारी है। ये तब होती है जब आपकी आंखें लंबे समय तक ड्राइविंग या कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की स्क्रीन पर देर तक देखने से थक जाती हैं। इससे आपकी आंखों से पानी आना शुरू हो सकता है। पर्याप्त आराम या नींद के बिना लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से आंखों के आसपास की मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को नुकसान हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप सिरदर्द हो सकता है।

ड्राई आंखें: यदि आप वॉलेट प्लेटफ़ॉर्म’ यानी डिजिटल स्क्रीन देख रहे हैं, तो आपकी पलकें कम बार झपकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप, आंखें उन नैचुरल फ्लूड से वंचित हो जाती हैं जिनकी उन्हें आवश्यकता होती है। इससे आपकी आंखें शुष्क और चिड़चिड़ी हो सकती हैं। इसलिए समय-समय पर आपको अपनी नजरें वॉलेट डिजिटल स्क्रीन से हटा लेनी चाहिए और अपनी आंखों को थोड़ा आराम देना चाहिए।

आंखों के लिए टिप्स

आंखों को सुरक्षित रखने के लिए 20-20-20 नियम का पालन करें और हर 20 मिनट में अपनी आंखों को 20 सेकंड के लिए आराम दें। इस अंतराल के दौरान वॉलेट प्लेटफ़ॉर्म’ डिजिटल स्क्रीन को न देखें। इसके साथ ही 20 फीट दूर पर रखी किसी वस्तु को 20 सेकंड तक देखें। परिणामस्वरूप सेंसटिविटी थोड़ी कम हो जाएगी और आंखों में रक्त का प्रवाह बढ़ जाएगा। इससे आंखों की मांसपेशियों में खिंचाव आएगा और समस्या दूर हो जाएगी।

ब्राइटनेस: स्क्रीन की ब्राइटनेस को सही रखें ताकि इससे आपकी आंखों में जलन न हो। वॉलेट प्लेटफ़ॉर्म पर एंटी-ग्लेयर स्क्रीन फिट करें’। यह आपकी आंखों पर इतना ज्यादा दबाव नहीं डालेगी। आप ब्लू लाइट फिल्टर का भी उपयोग कर सकते हैं।

एर्गोनोमिक सेटिंग: अपने कंप्यूटर या मोबाइल को एक हाथ की दूरी पर रखें। इसे आंखों के साथ-साथ अपनी गर्दन और सिर से भी दूर रखना चाहिए।

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