लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की गरीब एवं असहाय परिवारों को राहत पहुंचाने वाली राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना को अब और अधिक पारदर्शी, तेज और जनता के अनुकूल बना दिया गया है। अब पात्र परिवारों को योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता के लिए महीनों चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आवेदन से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया इंटरनेट आधारित कर दी गई है और हर कदम पर जवाबदेही तय की गई है।
इस नई व्यवस्था के तहत पात्र आवेदकों को अब आवेदन की तारीख से 75 दिनों के भीतर सहायता राशि उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया गया है। यदि किसी कारणवश यह समय सीमा पार होती है, तो अब मामले को लंबी प्रक्रिया में उलझाने की बजाय जिला स्तर पर ही समिति से अनुमोदन लेकर तुरंत भुगतान किया जाएगा। यानी अब जरूरतमंदों को देरी के लिए प्रदेश स्तर की मंजूरी का इंतजार नहीं करना होगा। यह बदलाव उन परिवारों के लिए राहत लेकर आया है, जो समय पर सहायता की प्रतीक्षा में थे।
जिला समाज कल्याण अधिकारी की अहम जिम्मेदारी
योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी आवेदक को पहले सहायता नहीं मिली हो। सत्यापन के बाद पात्र लाभार्थियों की अंतिम सूची तैयार कर 7 दिनों के भीतर स्वीकृति समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।
इसके बाद सूची को डिजिटल सिग्नेचर के साथ पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के जरिए आधार लिंक बैंक खाते में धनराशि हस्तांतरित होगी। बजट की कमी होने पर भी जिलाधिकारी ट्रेजरी नियमों के तहत धनराशि निकालकर भुगतान सुनिश्चित कर सकते हैं, जिससे लाभार्थियों को लाभ मिलने में देरी न हो।
त्वरित सहायता और शिकायत निवारण की व्यवस्था
आकस्मिक परिस्थितियों में तत्काल सहायता के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।जिला समाज कल्याण अधिकारी और जिलाधिकारी डिजिटल सिग्नेचर के जरिए आवेदन सत्यापित करेंगे और स्वीकृति के बाद तुरंत भुगतान होगा। योजना से जुड़ी किसी भी समस्या के समाधान के लिए मुख्यालय स्तर पर कमांड सेंटर में हेल्पलाइन नंबर 14568 शुरू किया गया है, जहां लाभार्थी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार और तकनीकी सुधार पर योगी सरकार का जोर
योगी सरकार ने योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर भी जोर दिया है। तहसील दिवसों में लाभार्थियों की सूची और पात्रता की शर्तों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। होर्डिंग, पोस्टर और हैंडबिल के जरिए भी लोगों तक जानकारी पहुंचाई जाएगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद इस योजना का लाभ उठा सकें। योजना को लेकर तकनीकी स्तर पर भी सुधार किए जा रहे हैं।
योगी सरकार इस योजना में तकनीकी सुधार भी कर रही है। जैसे छात्रवृत्ति योजनाओं में आधार से सीडिंग की पुष्टि की जाती है, उसी तरह अब पारिवारिक लाभ योजना में भी आधार आधारित स्टेटस चेकिंग के माध्यम से लाइव वेरिफिकेशन की सुविधा जल्द शुरू की जाएगी, जिससे खाते की स्थिति तुरंत स्पष्ट हो सके।
जरूरतमंदों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध दिख रही योगी सरकार
योगी सरकार का लक्ष्य है कि हर जरूरतमंद तक सहायता पहुंचे और उनकी जिंदगी आसान बने। इसके लिए योगी सरकार परिवार के ऐसे कमाऊ मुखिया जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम हो और उसकी मृत्यु हो गई हो ऐसी दशा में उनके आश्रित को राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना से लाभान्वित कर रही है। जिसमें आय सीमा शहरी क्षेत्र में 56,460 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में 46,080 रुपये निश्चित की गई है। सरकार ऐसे परिवार को 30,000 रुपये एक मुश्त भुगतान करती है।
योगी सरकार राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना को पारदर्शी और तेज बनाकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि कोई भी पात्र परिवार मदद से वंचित न रहे। वित्तीय वर्ष 2024-25 में योगी सरकार ने 1,08,883 निराश्रित परिवारों तक योजना का लाभ पहुंचाया है, जिसमें सरकार ने 326.64 करोड़ रुपये खर्च किया है।