नई दिल्ली। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया पिछले काफी समय से सुर्खियों में बने हुए है। कभी खेल अध्यक्ष के खिलाफ धरने को लेकर तो कभी पहलवानों के का हक छीनने को लेकर। लेकिन अब बजरंग पुनिया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।
दरअसल महिला खिलाडियों के यौन उत्पीडन के खिलाफ पहलवानों ने जब जंतर मंतर पर धरना दिया था उस समय पहलवान बजरंग पुनिया ने प्रेस कान्फ्रेस में एक रेसलिंग कोच के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणीया दी थी। जिसके बाद कोच ने बजरंग पुनिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया । इसके बाद दिल्ली की कोर्ट ने ओलंपिक मेडलिस्ट को 6 सितंबर के लिए तलब किया है।
मैट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट यशदीप चहल ने पूनिया को इस दिन अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया, जिसमें अदालत ने यह माना है कि प्रथम दृष्टया यह मानहानि का मामला लगता है। चहल ने कहा कि तलब किए, जाने के चरण में काफी हद तक तय हो गया कि अदालत को संभावित बचाव के तुलनात्मक विश्लेषण की जरूरत नहीं है जो आरोपी द्वारा किया जा सकता है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘शिकायत, इससे संबंधित दस्तावेज और समन से पूर्व के सबूत पर विचार के बाद मेरा प्रथम दृष्टया विचार है कि यह मानहानि का मामला लगता है। ऐसा लगता है कि यह बयान दुर्भावनापूर्ण इरादे से प्रेस कांफ्रेंस में दिया गया जो अच्छे इरादे से नहीं किया गया। इसी के मद्देनजर, आरोपी बजरंग पूनिया को आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 499 के साथ धारा 500 (दोनों आपराधिक मानहानि से संबंधित) के साथ दंडनीय अपराध के लिए बुलाया जाए।’
शिकायत में दावा किया गया कि पूनिया ने अन्य पहलवानों/व्यक्तियों के साथ 10 मई को जंतर मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख और भाजपा सांसद बृज भूषण सिंह द्वारा कुछ महिला पहलवानों के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रेस कांफ्रेंस में दहिया के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं।